बुधवार: ये रहेगा रोजा इफ्तार व सहरी का वक्त
रोजे के दौरान भूख-प्यास कुछ समय के लिए हमारे
जिस्म की गर्मी को ठंडा कर देती है और हमारे अन्दर की भावनाएं शान्त रहती
हैं
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रोजा इफ्तार व सहरी का
वक्त
मुफ्ती अहमद हसन साहब: इफ्तार – बुधवार: 7.24, सहरी – गुरूवार: 4.09
दारूल-उल रजविया: इफ्तार – बुधवार: 7.29, सहरी – गुरूवार: 4.02
शिया इस्ना अशरी मस्लक: इफ्तार – बुधवार: 7.36, सहरी – गुरूवार: 3.48
मुफ्ती-ए-शहर
रोजे के दौरान भूख-प्यास कुछ समय के लिए हमारे जिस्म की गर्मी को ठंडा कर देती है और हम खाने-पीने से आजाद हो जाते हैं एवं अन्य मेहनत के कामों से भी बचते हैं। हमारे अन्दर की भावनाएं एक प्रकार से शान्त रहती हैं। फुर्सत की यह घडियां और दिलो दिमाग की एकाग्रता हमारे लिए गौर-विचार करने, स्वयं के कामों की समीक्षा करने, किए हुए गलत (बुरे) कामों का पछतावा करने और अल्लाह की पकड़ स डरने के लिए अनुकूल हैं। गुनाहों से तौबा व पछतावे के लिए और भले व नेक कामों को करने के लिए रोजे तथा रमजान का महीना अनमोल तोहफा है।
– मुफ्ती हकीम अहमद हसन
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