scriptनए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के सामने हैं ये पांच चुनौतियां | 5 Challenges before new RBI chief Urjit Patel | Patrika News

नए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के सामने हैं ये पांच चुनौतियां

Published: Aug 21, 2016 04:20:00 pm

भारतीय रिजर्व बैंक को उर्जित पटेल के रूप में नया गवर्नर मिल गया है

Urjit Patel

Urjit Patel

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किए गए उर्जित पटेल के सामने कई चुनौतियां हैं। जहां एक तरफ रघुराम राजन का सार्वजनिक मौकों पर बेबाकी से बोलना और आर्थिक नीतियों पर सरकार की तरफ से बहुत ज्यादा सहयोग न मिलने की बात कहना उनके खिलाफ गया, वहीं पटेल भी राजन से कुछ ज्यादा अलग नहीं हैं। उनके सामने मुख्य तौर पर ये पांच चुनौतियां होंगी।

1. ब्याज दरों पर नियंत्रण रखना


पटेल के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा ब्याज दरों पर नियंत्रण रखना। ये बात सच है कि अब ब्याज दरें घटाने या बढ़ाने का फैसला अकेले गवर्नर का नहीं होता और एक छह सदस्यीय समिति के साथ मिलकर वो ये फैसला लेता है, लेकिन फिर भी ब्याज दरों में कमी होने या नहीं होने की आलोचना केवल गवर्नर को ही झेलनी पड़ती है।

2. महंगाई पर काबू

जबसे कच्चे तेल की कीमतें नीचे हैं, तबसे देख का चालू खाता घाटा एक हद तक नियंत्रण में है। गवर्नर राजन के लिए महंगाई व्यापक रूप से चिंता का विषय नहीं रहा, लेकिन तेल ने फिर गर्मी दिखानी शुरू की तो हालात बदल और बिगड़ सकते हैं। खाने-पीने की चीजें महंगी होने से जुलाई में लगातार चौथे महीने उपभोक्ता मूल्य महंगाई दर 6.07 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई है और इसने रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को तोड़ दिया है।

3. डॉलर कर्ज भुगतान

उर्जित पटेल का पहला बड़ा इम्तेहान अगले ही महीने होगा, जब लगभग 2000 करोड़ डॉलर के बॉन्ड्स भुनाए जाएंगे। बैंकों ने पिछले कुछ वर्षों में विदेशी बाज़ारों से ये रकम वसूल की थी।

4. सरकारी बैंकों का एनपीए

भारत के सरकारी बैंकों के लाखों करोड़ रुपए के कर्ज डूब गए हैं। इसी साल जून में रिज़र्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अगले साल तक ये कुल कर्ज का 8.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। अभी डूबते कर्ज की कुल कर्ज में हिस्सेदारी तकरीबन 7.6 प्रतिशत है। मौजूदा गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों को डूबते कर्ज को अपनी बैलेंसशीट से हटाने के लिए मार्च 2017 तक का समय दिया है।

5. स्पेशलाइज्ड बैंकिंग मॉडल

सरकार और रिज़र्व बैंक यूं तो बड़े बैंकों को तरजीह देना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में विलय करने का फ़ैसला लिया गया है। बैंकों के विलय के रोडमैप में राजन का अहम योगदान रहा है। ऐसे में उर्जित पटेल पर ये जिम्मेदारी होगी कि वह भारतीय बैंकिंग उद्योग को किस दिशा में ले जाएंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो