एडीबी अवसंरचना पर ध्यान दे : जेटली
Published: May 05, 2015 09:52:00 am
जेटली ने एडीबी से आग्रह किया कि 2020 तक वह 20 अरब
डॉलर के सालाना कारोबार का लक्ष्य रखे
बाकू। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से आग्रह किया कि वह भारत में स्मार्ट शहर, औद्योगिक गलियारा और रेलवे की परियोजनाओं से अधिकाधिक जुड़े। अजरबेजान की राजधानी में एडीबी की 48वीं सालाना बैठक में जेटली ने कहा, हम मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के जरिए स्मार्ट शहर, औद्योगिक गलियारा, रेल परिवहन और विनिर्माण तथा रोजगार सृजन से अधिकाधिक रूप से जुड़ने का आग्रह करते हैं।
जेटली ने कहा कि यह बैठक ऎसे शहर में हो रही है जो समुद्र तल से नीचे दुनिया का सबसे बड़ा शहर है। इसे हवाओं का शहर भी कहते हैं। भारत की विकास दर 2015 और 2016 में 7.5-8 फीसदी रहने वाली है। इससे भारत की शानदार विकास संभावना का पता चलता है। एक साल से भी कम अवधि में हमारी सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
जेटली ने एडीबी से आग्रह किया कि 2020 तक वह 20 अरब डॉलर के सालाना कारोबार का लक्ष्य रखे। मैं एडीबी से आग्रह करता हूं कि वह सिर्फ दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग पर ही ध्यान न दे, बल्कि दक्षिण एशिया और शेष एशिया में भी क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान दे।
जेटली ने नेपाल को अपना करीबी मित्र और पड़ोसी बताया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत नेपाल के साथ खड़ा है। अस्ताना में पिछली वार्षिक बैठक में अध्यक्ष नकाहो ने एशियाई विकास बैंक को अधिक प्रासंगिक और ज्यादा कारगर बनाने के लिए कुछ प्रमुख पहल की जानकारी दी थी। इनमें बैंक के संसाधनों को ओसीआर के साथ मिलाने और बैंक में सुधार की बात कही गई थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बैठक ऎसे समय हो रही है जब वैश्किव अर्थव्यवस्था 2014 के मुकाबले कुछ बेहतर हुई है लेकिन यह अधिक बेहतर नहीं हुई है। 2014 में वैश्विक वृद्धि आरंभिक अनुमान से कम थी। एशियाई विकास बैंक के 2015 के अनुमान के अनुसार एशिया में 2015 और 2016 में 6.3 फीसदी वृद्धि हो सकती है। विभिन्न अनुमानों के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि 2015 और 2016 में 7.5-8 फीसदी रह सकती है। इससे भारत के मजबूत आर्थिक परिदृश्य का पता चलता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और एशियाई विकास बैंक के बीच सार्थक और फायदेमंद संबंध हैं। भारत अब एशियाई विकास बैंक का सबसे बड़ा ग्राहक है। अधिक बड़े और बेहतर एशियाई विकास बैंक के साथ हम इस भागीदारी को नए स्तर तक ले जाना चाहते हैं।