हाल में जब मैं अपने बेटे का दाखिला एक मशहूर कॉलेज में कराने पहुंचा, तब मुझे वह एहसास हुआ जिससे मैं अबतक अनजान था
वी विस्वानंद
वरिष्ठ निदेशक एवं सीओओ, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस
हाल में जब मैं अपने बेटे का दाखिला एक मशहूर कॉलेज में कराने पहुंचा, तब मुझे वह एहसास हुआ जिससे मैं अबतक अनजान था। यह बच्चे और अभिभावक दोनों के लिए बेहद अहम समय होता है, जब आपका बच्चा खुद ये फैसला लेता है कि उसे आगे चलकर क्या बनना है और उसे किस तरह की पढ़ाई करनी है। मैं थोड़ा भाग्यशाली रहा कि मेरा बच्चा शुरू से एक बेहतरीन कॉलेज में पसंदीदा विषय पढऩे के प्रति गंभीर था, जिससे मैं उस हिसाब से बचत करने के लिए प्रेरित हुआ, लेकिन जरूरी नहीं कि हर आदमी के साथ यही स्थिति हो।
आज बच्चों के पास तमाम तरह के विषय और करियर विकल्प हैं। ऐसे में वे लोकप्रिय पाठ्यक्रमों के बदले अपनी रुचि के विकल्प चुनना पसंद करते हैं। होटल मैनेजमेंट, एनिमेशन और फिल्म निर्माण आदि में दिलचस्पी बढ़ रही है। उम्दा होने के साथ ही ऐसे कोर्स काफी खर्चीले भी हैं। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चे का झुकाव अगर पारंपरिक विषयों के बदले ऐसे मॉडर्न विषय की तरफ हो तो आप उसकी जरूरत कैसे पूरी करेंगे?
भारत में पिछले सात सालों में शिक्षा की लागत दोगुनी से भी अधिक हो गई है और १५ वर्षों में यह चार गुना हो सकती है। ऐसे में ऐसे चाइल्ड प्लान पर गंभीरता से विचार जरूरी है, जिनमें कुछ राशि वापस मिलने की गारंटी के साथ ही बच्चे की पढ़ाई में भी मदद मिले। चाइल्ड प्लान का विकल्प चुनते हुए आपको गारंटी के तौर पर वापस मिलने वाली राशि की समयावधि पर भी विचार करना चाहिए। अगर धन वापसी का समय आगे-पीछे हो सकता है तो यह आपके लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है।
जीवन अनिश्चित है, ऐसे में चाइल्ड प्लान से आप अपने बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। मासिक आय लाभ देने वाले प्लान से नामित बच्चे को नियमित पैसे मिलना संभव होता है। चाइल्ड प्लान से आप बच्चे की शिक्षा के मामले में अनुशासित भी होने लगते हैं। इसीलिए चाइल्ड प्लान प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए। बच्चे के जन्म के 90 दिन के भीतर सर्वश्रेष्ठ प्लान का चुनाव बेहतर होता है।