ईपीएफओ अपने मेंबर्स को दे सकता है 750 करोड़ का वन टाईम बोनस
Published: Feb 11, 2016 02:53:00 pm
पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने के बजाय इपीएफओ बजाय अपने सब्सक्राइबर्स को 750 करोड़ रुपए का बोनस देने पर विचार कर रहा है
नई दिल्ली। पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने के बजाय इपीएफओ बजाय अपने सब्सक्राइबर्स को 750 करोड़ रुपए का बोनस देने पर विचार कर रहा है। इससे पहले एम्प्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन ने मौजूदा फिस्कल इयर के लिए ब्याज दर बढ़ाकर 8.95 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था। यह प्रस्ताव इस साल के दौरान सरप्लस अर्निंग होने के अनुमान पर किया गया था। साल 2013-14 और 2014-15 के लिए ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी।
फाइनैंस मिनिस्ट्री ने ऐतराज जताया
ब्याज दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर हालांकि फाइनैंस मिनिस्ट्री ने ऐतराज जताया था। उसका कहना था कि ऐसा होने पर दूसरी स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दर भी बढ़ाने का दबाव बनेगा और भविष्य में इसे जारी रखना संभव नहीं होगा। इसे देखते हुए ईपीएफओ अपने मेंबर्स को वन-टाइम बोनस पेमेंट पर विचार कर रहा है।
इनकम टैक्स में छूट
प्रस्ताव की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी के अनुसार बोनस के विकल्प पर पहली बार विचार किया जा रहा है क्योंकि इससे लो-इनकम ब्रैकेट वालों को अच्छा फायदा होगा, जिन्हें पीएफ के तहत डिडक्शंस के लिए यूं भी इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलती है।
2.5 करोड़ लोगों को इस साल बोनस
हालांकि बोनस उन्हीं सब्सक्राइबर्स को मिलेगा जिन्होंने लगातार 12 महीनों तक योगदान किया है। ईपीएफओ के इंटरनल एस्टिमेट के अनुसार अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो इसके 5 करोड़ सब्सक्राइबर्स में से लगभग 2.5 करोड़ लोगों को इस साल बोनस मिल सकता है।
डिपॉजिट्स पर डबल डिजिट इंटरेस्ट
अधिकारी के अनुसार एक तरह से ईपीएफओ अपने सब्सक्राइबर्स के लिए डिफरेंशल इंटरेस्ट रेट शुरू कर रहा है, जिसके तहत लो-इनकम वाले लोगों को मौजूदा फिस्कल इयर में उनके डिपॉजिट्स पर डबल डिजिट इंटरेस्ट रेट लगेगा।ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की 16 फरवरी को बैठक होगी। इसमें सरकार, कर्मचारियों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि होते हैं। इस बैठक में ब्याज दर बढ़ाने और बोनस देने के दोनों प्रस्तावों पर चर्चा होगी और अंतिम निर्णय किया जाएगा।