नोटबंदी के चलते नकदी की किल्लत से जूझ रहे किसानों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने कृषि लोन लेने वाले किसानों को भुगतान के लिए दो महीने की मोहलत दी है। ऐसे में किसान यदि तय अवधि के दो महीने बाद तक भी अपने कर्ज का भुगतान कर देते हैं, तो भी उन्हें शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन का पात्र माना जाएगा। शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन के तौर पर किसानों से 7 फीसदी की जगह 4 फीसदी ब्याज ही लिया जाता है।
नई दिल्ली. नोटबंदी के चलते नकदी की किल्लत से जूझ रहे किसानों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने कृषि लोन लेने वाले किसानों को भुगतान के लिए दो महीने की मोहलत दी है। ऐसे में किसान यदि तय अवधि के दो महीने बाद तक भी अपने कर्ज का भुगतान कर देते हैं, तो भी उन्हें शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन का पात्र माना जाएगा। शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन के तौर पर किसानों से 7 फीसदी की जगह 4 फीसदी ब्याज ही लिया जाता है।
लोन अदायगी तारीख 1 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच वाले किसानों को लाभ
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, विमुद्रीकरण के बाद लोन के भुगतान में किसानों के सामने आ रही परेशानियों को लेकर कई संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात की थी। समस्या को वास्तविक पाते हुए कृषि मंत्रालय ने 21 नवंबर के भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र के आधार पर किसानों को मिलने वाले शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन को भी 60 दिन की ग्रेस अवधि देने का फैसला किया है। अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि यह लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी लोन अदायगी तारीख 1 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच हो।
यह है शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन योजना
– सरकार किसान क्रेडिट कार्ड पर 7 फीसदी प्रतिवर्ष की दर पर किसानों को लोन देती है।
– एक वर्ष के अंदर कर्ज जमा कर देने पर 3 फीसदी मिलती है, यानी 4 फीसदी ही ब्याज देना पड़ता है।
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