scriptअपने वित्तीय पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने के लिए इन 10 बातों का रखें ख्याल | Follow these ten steps to manage your investment portfolio | Patrika News
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अपने वित्तीय पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने के लिए इन 10 बातों का रखें ख्याल

आप जैसे ही अपने करियर की शुरुआत करते हैं, तो विभिन्न सलाहकार, बीमा एजेंट्स, पोस्ट ऑफिस एजेंट्स, ब्रोकर्स और वित्तीय योजनाकर्ता आपको विभिन्न प्रकार के निवेश उत्पादों, योजनाएं, बीमा पॉलिसीस, पीपीएफ अकाउंट खोलने, एनपीएस अकाउंट खोलने या डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सुझाव देने लगते हैं।

Jul 17, 2017 / 05:35 pm

manish ranjan

Financial portfolio

Financial portfolio

नई दिल्ली। आप जैसे ही अपने करियर की शुरुआत करते हैं, तो विभिन्न सलाहकार, बीमा एजेंट्स, पोस्ट ऑफिस एजेंट्स, ब्रोकर्स और वित्तीय योजनाकर्ता आपको विभिन्न प्रकार के निवेश उत्पादों, योजनाएं, बीमा पॉलिसीस, पीपीएफ अकाउंट खोलने, एनपीएस अकाउंट खोलने या डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सुझाव देने लगते हैं। उनमें से आप उसे चुनते हैं जो अपनी अच्छी बातचीत से या प्रस्तुति से आपको प्रभावित किया। इसके अलावा आपके बॉस, बहन या पिता आपको विभिन्न योजनाओं में निवेश करने की या बचत की शुरुआत करने की सलाह देते हैं। 10 से 15 सालों में 2 से 3 नौकरियों का बदलना और तब तक आप 35 या 40 साल के हों जाते हैं तो आप पाते हैं कि आपने अपने आप को निवेश, बीमा, पासबुक, पोर्टफोलियो मूल्यांकन रिपोर्ट आदि में झोंक दिया है। यदि आप रिकॉर्ड रखने में या कागज़ों को सुरक्षित रखने में अच्छे नहीं हैं तो समस्या और बढ़ जाती है। यहां बहुत आवश्यकता है कि आप एक अच्छे संयोजक हैं और आप अपने निवेश/बीमा पर नियंत्रण रख सकते हैं। यह तभी संभव हैं जब आप कुछ नियमों के द्वारा “अपने पोर्टफोलियो को कैसे सरल बनाए” इसके महत्व के बारे में जागरूक हैं।


एक अच्छा कोऑर्डिनेटरबनना के लिए नीचे दिए टिप्स को फॉलों करें

1. हमेशा ही योग्य/प्रमाणित फाइनेंशियल प्लानर के सेवाओं का चुनाव करना चाहिए जो आपको यह सुनिश्चित करते हों कि आप उन्ही योजनाओं में निवेश करें और उन्हीं बीमा योजनाओं को खरीदें जो आपकी जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा करते हों।


2. आपके योग्य फाइनेंशियल प्लानर आपके निवेश/बीमाओं पर आसान से तरीकों से लगातार नजर रखेंगे और नियमित अंतराल पर उसकी समीक्षा करके आपको बताएंगे। वह इस स्थिति में भी होगा कि आपको आपके पूरे पोर्टफोलियो को आसान से शब्दों में समझा सके जिससे कि आप उसे अच्छे से समझ पाएं।


3. यदि आप एक प्रमाणित फाइनेंशियल प्लानर का खर्च नहीं उठा सकते या यदि आप एक शहर से दूसरे शहर जा रहे हैं, तो आपको आवश्यकता है कि आप कुछ समय अपने लैपटॉप, आईपॉड, आईपैड या स्मार्टफोन में निवेश करें और अपने निवेश/बीमा से जुड़ी सारी जानकारी उसमें उल्लेखित करें ताकि आप उसके माध्यम से बिना किसी फाइलों और कागज़ों के उसके बारे में जरुरत पडऩे पर अपनी सुविधानुसार जान सकें। अगर आप एक्सेल में कुशल हैं तो आप सारी जानकारी एक्सेल के फॉर्मेट में रख सकते हैं और इस बात का खासतौर पर ध्यान रखें कि उसकी एक कॉपी आप हमेशा अलग रखें, वह आपके जीवनसाथी के पास उसके मोबाइल या अन्य उपकरण में भी हों सकती हैं।


4. जब एक युच्युअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण किया जाता हैं तो कृपया यह सुनिश्चित करें कि अगर आपके कुल निवेश 50 लाख से कम हैं तो आपके फोलिओस 10 से अधिक नहीं होने चाहिए और यदि निवेश 50 लाख से ज्यादा है तो फोलिओस 15 से अधिक नहीं होने चाहिए। अगर आपके फोलिओस अधिक होंगे तो यह कायदे के नियम से ऊपर चला जाएगा, तब आपको उसे एक सही स्तर पर नीचे लाने के लिए कुछ फोलिओस को एकसाथ मिला लेना चाहिए।


5. अगर आपको कुछ शेयर अपने माता पिता से विरासत में मिले हैं या यदि आपने कंपनियों के आईपीओ की सदयस्ता ली है, तो आपको अपने सभी शेयर/स्टॉक को डीमैट फॉर्मेट में बना के रखना चाहिए, आपके पोर्टफोलियो में 10 से अधिक शेयर नहीं होने चाहिए। यदि आपके पास हैं तो आप उन्हें बेच सकते हैं या यूच्यूअल फण्ड योजनाओं की आय के रूप में उनमें बदलाव कर सकते हैं।


6. सभी समयबद्ध निवेश, बीमा योजनाएं, बैंक डिपाजिट, पोस्ट ऑफिस योजनाएं, पीपीएफ इत्यादि का या तो इलेक्ट्रॉनिक या फिजिकल डायरी के माध्यम से उनके नवीनीकरण/परिपक्वता का ध्यान रखना चाहिए। 2 से 3 सप्ताह पहले से ही उनके बारे में आवश्यक कार्यवाही करनी शुरू कर देनी चाहिए ताकि आप यह सुनिश्चित करें कि आप उनकी आखिरी तारीख नहीं भूलेंगे।


7. जब बीमा योजनाओं की बात आती है, तो आपके पास 4-5 पॉलिसी से अधिक नहीं होनी चाहिए। इनमें से एक आपकी कार के लिए, दूसरी आपके स्वास्थ्य के लिए, तीसरी आपके घर के लिए, चौथी आपके टर्म प्लान के लिए और आखिरी यूएलआईपी (यूलिप) होनी चाहिए या कोई पार परिक या पूरे जीवन का प्लान होना चाहिए जो यह सुनिश्चित करें कि आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं।


8. आपके सभी निवेश और बीमा योजनाओं का विवरण एक ही पेज में उल्लेखित होना चाहिए ताकि जरुरत पडऩे के समय वह आपके बच्चों या जीवनसाथी को आसानी से समझ में आ सके। यह देखा गया है कि बहुत सारे लोग अपने पूरे जीवन विभिन्न प्रकार के निवेश के कागजातों को अपने साथ रखते हैं, उनमें से कुछ के लिए उन्होंने नामंकन किया होता है और कुछ के लिए नहीं, ऐसे में उनके असामयिक निधन के समय उनके परिवार के सदस्यों को कई प्रकार के दस्तावेज़ों को इकठ्ठा करना पड़ता है और अलग-अलग स्रोतों से उन्हें फंड्स निकालने के लिए बहुत सी बुरी प्रक्रियायों का सामना करना पड़ता है।


9. अगर आप अपने निवेश की योजनाओं को 10 से 15 के आसपास रखते हैं और बीमा पॉलिसी को 4 से 5 के आसपास तो आप अपने सभी पोर्टफोलियो पर आराम से शांतिपूर्ण रूप से नज़र बना के रख पाएंगे।


10. नियमित रूप से समीक्षा ही इसकी कुंजी हैं और सबसे सही होता हैं साल में चार बार या तीन बार इसको करना। ऐसा सुनिश्चित करने से, न आप केवल आप अपना समय बर्बाद होने से बचाएंगे बल्कि अनावयशक निवेश या समाप्त हो गई पॉलिसीस पर भी नजर रख पाएंगे और इससे आप अपने रिटर्न को भी बढ़ा पाएंगे।

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