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हेल्थ इंश्योरेंस: परिवार की सुरक्षा के साथ टैक्स बचत

Published: Jul 08, 2017 05:25:00 pm

Submitted by:

manish ranjan

 भले ही समूचे विश्व में शोधकर्ता भी जीवनरक्षक दवाएं एवं थैरेपीज की खोज करने के लिए कड़े प्रयास कर रहे हैं, फिर भी आसमान छूती महंगाई, खासतौर से महंगे हेल्थकेयर सिस्टम के कारण कई लोगों को गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर नहीं मिल पाती। यह स्थिति और विकट होती जा रही है, क्योंकि कभी-कभी जीवन भर की बचत भी अच्छी गुणवत्ता का उपचार पाने में कम पड़ जाती है।

Health Insurance

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नई दिल्ली। चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के बावजूद, दुनिया भर में विभिन्न बीमारियों में खूब बढ़ोतरी हो रही है। कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां, कैंसर, हाइपरटेंशन, अवसाद, गैस्ट्रिक असामान्यताएं और श्वसन संबंधी बीमारियां हमारे समाज में व्यापकता से मौजूद हैं। यह बीमारियां पर्यावरणीय दुरूपयोग, तनाव, खान-पान की बुरी आदतों, सुस्त जीवनशैली और कई अन्य घटकों के कारण होती हैं। भले ही समूचे विश्व में शोधकर्ता भी जीवनरक्षक दवाएं एवं थैरेपीज की खोज करने के लिए कड़े प्रयास कर रहे हैं, फिर भी आसमान छूती महंगाई, खासतौर से महंगे हेल्थकेयर सिस्टम के कारण कई लोगों को गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर नहीं मिल पाती। यह स्थिति और विकट होती जा रही है, क्योंकि कभी-कभी जीवन भर की बचत भी अच्छी गुणवत्ता का उपचार पाने में कम पड़ जाती है। ऐसे में आप एक अच्छा हेल्थ कवर ले कर खुद और पूरे परिवार का सुरक्षित रख सकते हैं।


हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व
हेल्थ इंश्योरेंस सुनिश्चित करता है कि अप्रत्याशित चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में हेल्थकेयर किफांयती और सुलभ बनी रहेगी। उदाहरण के लिए, बीमारी अथवा किसी दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर यह अस्पताल के महंगे बिलों के आर्थिक बोझ से राहत दिलाता है। यह कहना जरूरी नहीं कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं होने पर बोझ बढ़ाता है। हमारे समाज में कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं, ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस कवर का होना पहले से कहीं अधिक अनिवार्य हो गया है।


टैक्स छूट का लाभ
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने पर आप आयकर कानून की धारा 80 डी के तहत कर लाभ के अधिकारी हैं। इसकी वजह से कर बचत को बढ़ाने के लिए लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस चुनने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हेल्थ इंश्योरेंस लोगों की जिंदगी में आने वाली अप्रत्याशित, असंभावित और बुनियादी रूप से अनियंत्रित कठिनाईयों से बचाने के लिए है।


इस तरह चुनें सही प्लान
सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कई तरह के विकल्पों की पेशकश करती हैं, ऐसे में अपने लिए सही प्लान चुनना महत्वपूर्ण है। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में सिर्फ प्रीमियम राशि पर ही विचार नहीं करना चाहिए। कई अन्य घटक भी प्लान का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जोकि व्यापक एवं पॉकेट-फ्रेंडली हैं। व्यक्तिगत पॉलिसी बनाम फैमिली फ्लोटर, पहले से मौजूद बीमारियों का कवरेज, जीवनकाल नवीकरण की संभावना, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च, डे-केयर उपचार के लिए कवरेज, कैशलेस लाभ और प्लान के तहत सब-लिमिट कुछ महत्वपूर्ण पहलूं हैं जिन पर पॉलिसी लेने का फैसला करने से पूर्व विचार करना जरूरी है।


तंदुरुस्त रहने के लिए पुरस्कार
कई ऐसी कंपनियां हैं जो ग्राहकों को चुस्त-दुरूस्त रहने के लिए नो क्लेम बोनस के अलावा भी कई फायदे प्रदान करती हैं। कंपनियों द्वारा कैश के बराबर रिवाड्र्स दिये जाते हैं जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे दवाईयां खरीदने और डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए भुगतान करने, डेकेयर उपचार, आउट-पेशेंट खर्च (ओपीडी), वैकल्पिक उपचारों (जिन्हें पारंपरिक तौर पर छोड़ दिया जाता है) में किया जा सकता है। अथवा सबसे महत्वपूर्ण इसका इस्तेमाल भावी प्रीमियम अदा करने में भी कर सकते हैं।


सही जानकारी मुहैया कराएं
वास्तविक जानकारी को छुपाने अथवा उसे गलत तरीके से प्रस्तुत करने से पॉलिसी रद्द होने अथवा दावा खारिज होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी दें और पहले से मौजूद बीमारी, यदि कोई है, का खुलासा करें। तब भी जब प्रि-इंश्योरेंस टेस्ट की जरूरत नहीं है। पॉलिसी के शब्दों को ध्यानपूर्वक पढऩा चाहिए, क्योंकि इसमें अनेक राइडर्स और क्लॉजेज़ जैसे दावा निपटान समय, निपटान अनुपात, को-पेमेंट चेतावनी आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। 
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