आइए जानते हैं ऐसी ही आसान टिप्स जिनका उपयोग करके आप असल-नकली सोने की पहचान कर सकते हैं
भारत में
धनतेरस तथा दीवाली जैसे अवसरों पर सोने, चांदी की ज्वलैरी काफी खरीदी जाती है। बहुत से दुकानदार इस समय अपने रेगुलर ग्राहकों को थोड़ा बहुत कन्सेशन या एक्सचेंज ऑफर भी देते हैं जिसके चलते उनकी ज्वैलरी की बिक्री बढ़ जाएं। परन्तु इस आपाधापी में बहुत से लोग बिना असली-नकली की पहचान किए ज्वैलरी खरीद लेते हैं जो बाद में घाटे का सौदा बन जाती है। आइए जानते हैं ऐसी ही आसान टिप्स जिनका उपयोग करके आप असल-नकली सोने की पहचान कर सकते हैं।
ये भी पढ़ेः मिनी धनतेरस 23 को, ग्रह-नक्षत्रों का होगा शुभ संयोग, ऐसे लाभ उठाएं
ये भी पढ़ेः इस बार दीवाली पर बन रहे हैं तीन शुभ संयोग, ऐसे होगा आपको फायदा
ज्वैलरी पर हॉलमार्क जरूर होसबसे पहली बात तो यह ध्यान रखें कि आप जो भी ज्वैलरी खरीद रहे हैं, उस पर हॉलमार्क होना चाहिए। हॉलमार्क पर यह भी लिखा होता है कि सोना कितने फीसदी शुद्ध है, दूसरे शब्दों में हॉलमार्क शुद्धता की गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। यदि सोना हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। अगर आपके गहनों पर भी हॉलमार्क का निशान है तो आप निश्चित होकर खरीद सकते हैं।
ये भी पढ़ेः दीवाली पर इन उपायों को करने से प्राप्त होगी अखंड लक्ष्मी, घर में होगा मां का वास
ये भी पढ़ेः दीपावली की रात को किए जाते हैं ये 11 अचूक टोने-टोटके
प्योरिटी सर्टिफिकेटगोल्ड ज्वैलरी खरीदते समय दुकानदार से प्योरिटी सर्टिफिकेट अवश्य लेना चाहिए। इस सर्टिफिकेट पर सोने की कैरेट क्वालिटी भी लिखी होनी चाहिए। यह आपके द्वारा खरीदे गए गोल्ड की प्योरिटी का सबूत होता है।
ये भी पढ़ेः दीवाली की रात करें ये टोटके, कुछ ही देर में होगा धन लाभ
ये भी पढ़ेः दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा ऐसे करें, ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त
पक्का बिल अवश्य लेंदुकानदार से पक्का बिल अवश्य लें। आप बिना लैब टेस्ट किए सोने-चांदी की शुद्धता नहीं परख सकते लेकिन पक्का बिल देने के बाद दुकानदार आपके लिए जिम्मेदार हो जाता है। यही कारण है कि बहुत से दुकानदार पक्का बिल देने के बजाय सादे कागज पर एस्टीमेट पकड़ा देते हैं जिसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है। यहां तक की आप इस कागज के आधार पर उसके खिलाफ एफआईआर तक नहीं लिखवा सकते।
अगर दुकानदार आपको इन तीनों में से कोई भी एक चीज देने पर मना करता है तो आप उस दुकान से सामान ना खरीदें तो ही बेहतर रहेगा। इन चीजों से हो सकता है कि आपकी ज्वैलरी की कीमत 2-4 पर्सेंट ज्यादा हो जाए लेकिन यह उसकी शुद्धता का पक्का सबूत होते हैं। इसलिए किसी भी स्थिति में बिना बिल, प्योरिटी सर्टिफिकेट तथा हॉलमार्क के ज्वैलरी तथा अन्य आइटम्स न खरीदें।
अगर आपको खरीददारी के बाद भी संदेह है कि हॉलमार्क या प्योरिटी सर्टिफिकेट के नाम पर आपके साथ धोखा हुआ है तो आप अपनी शिकायत- महानिदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), मानक भवन, 9, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली-110002 से कर सकते हैं।