बैंकों पर कम होने लगा दबाव – अरूण जेटली
Published: May 23, 2015 08:42:00 am
मार्च में समाप्त तिमाही
में गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 5.64 फीसदी से घटकर 5.2 फीसदी पर आ गई
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक मंदी की वजह से बैंकों पर भारी दबाव था, लेकिन अर्थव्यवस्था के गति पकड़ने से दबाव में कुछ कमी आई है और मार्च में समाप्त तिमाही में गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 5.64 फीसदी से घटकर 5.2 फीसदी पर आ गई है। जेटली ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कहा कि वैश्विक मंदी की वजह से बैंकों पर भारी दबाव था और अब उसमें कमी आई है।
इस वर्ष अप्रेल में सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है और मार्च में समाप्त तिमाही में बैंकों का एनपीए घटा है, लेकिन इस संबंध में अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि बैंकों का प्रदर्शन सुधरा है। अगले 2-3 तिमाहियों के प्रदर्शन के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बैंकों को पुनर्पूजीकरण की जरूरत है।
राजस्व जुटाया : सरकार के कामकाज संभालने के बाद 6 माह में विनिवेश से 24277 करोड़ रूपए का राजस्व जुटाया जो अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के पूरे कार्यकाल में जुटाए गए राजस्व से अधिक है। अब चालू वित्त वर्ष के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और इसको हासिल करने के लिए 50 हजार करोड़ रूपए से अधिक के विनिवेश पाइपलाइन में है।
आसान आयकर फार्म
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्रालय आयकर को सरल बनाने के पक्षधर है और आयकर रिटर्न दाखिल करने वाला जटिल फॉर्म के पक्ष में नहीं है। जेटली ने कहा कि मुझे साढ़े बारह पेज का आयकर रिटर्न फॉर्म स्वीकार नहीं है। मैं स्वयं जटिल फॉर्म के पक्ष में नहीं हूं। जब यह फॉर्म तैयार किया गया था उस समय मैं विदेश में था, लेकिन वहां से ही अधिकारियों को इसे सरल बनाने के लिए कहा और शीघ्र ही सरल रिटर्न फॉर्म जारी हो जाएगा।