हर माता-पिता अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने देखता है। लेकिन, सिर्फ सपने देखने से आप अपने बच्चों को बेहतर भविष्य नहीं दे सकते हैं।
नई दिल्ली. हर माता-पिता अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने देखता है। लेकिन, सिर्फ सपने देखने से आप अपने बच्चों को बेहतर भविष्य नहीं दे सकते हैं। इसके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग और निवेश का संतुलित रवैया अपनाना जरूरी है।
चाइल्ड प्लान में निवेश
अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को सुनिश्चित करना चाहते हैं तो बाजार में विभिन्न कंपनियों के ढेरों चाइल्ड प्लान उपलब्ध हैं। हालांकि, चाइल्ड प्लान में निवेश करने से पहले कुछ पहलुओं को समझना जरूरी है। चाइल्ड प्लान चुनने से पहले अपनी आय और बचत की क्षमता को जरूर तौलें। फिर आप जो चाइल्ड प्लान ले रहे हैं, उसमें यह देंखें कि क्या वह आपके बच्चे के भविष्य में आने वाली जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। क्या आपके साथ कोई अनहोनी होने की सूरत में यह आपके बच्चे की वित्तीय जरूरत को पूरा कर पाएगा।
निवेश की योजना ऐसे बनाएं
मान लीजिए की आपको एक बेटी या बेटा है, जिसकी उम्र 2 साल है। आप इसे 22 साल की उम्र में मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) कराना चाहते हैं। मान लें कि वर्तमान में एमबीए की पढ़ाई की फीस 10 लाख रुपए है और 8 फीसदी सालाना महंगाई की दर है। यानी जब उसकी उम्र 22 साल होगी तो एमबीए का खर्च 46.61 लाख होगा। आपको उसी के अनुसार उसकी पढ़ाई की प्लानिंग करनी चाहिए।
कितना करें निवेश
यदि 2 साल की उम्र से ही आप म्युचुअल फंड में पैसा लगाते हैं और 12 फीसदी की दर से रिटर्न मिलता है तो आपको इस रकम के लिए 5067 रुपए प्रतिमाह निवेश करना होगा। यदि आप 8 साल की उम्र से निवेश शुरू करते हैं, तो आपको करीब 11,271 रुपए प्रति माह निवेश करना होगा, वहीं 12 साल की उम्र में निवेश शुरू करने पर आपको 20,805 रुपए प्रतिमाह निवेश करना होगा। इसलिए बच्चों के सुखद भविष्य के लिए उसके जन्म के बाद जल्द से जल्द प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। इससे आपके बजट पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा और फंड मैनेज में करने में आसानी होगी।
आयकर में छूट का लाभ भी लें
चाइल्ड प्लान लेकर आप आयकर की धारा 80सी के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा इनकम टैक्स की धारा 10 (10 डी) के तहत परिपक्वता पर मिलने वाली रकम भी आयकर से मुक्त होती है। यदि आपको एक से अधिक बच्चे हैं तो आप ऐसा प्लान ले सकते हैं जिसमें दोनों बच्चों के लिए पैसे की बचत की जा सकती हैं।