इस स्कीम पर श्रम मंत्री बंगारू दत्तात्रेय ने कहा कि हम ईपीएफओ अंशधारकों को रिटायरमेंट के बाद घर देने की स्कीम पर काम कर रहे हैं।
दत्तात्रेय ने हालांकि इस स्कीम की पूरी जानकारी नहीं दी। दत्तात्रेय ने यह भी नहीं बताया कि स्कीम कब लॉन्च की जाएगी और इसके तहत घर खरीदने के लिए कितनी कीमत चुकानी होगी। सूत्रों की माने तो श्रम मंत्रालय केंद्र और राज्य सरकारों की कंस्ट्रक्शन कंपनियों से सरकार की ओर से निर्घारित दाम और मानकों पर घर बनवाने का विकल्प भी देख रही है। इनमें एनबीसीसी, डीडीए, पूडा, हूडा जैसी संस्थाएं अहम हैं।
केंद्रीय प्रोविडेंट फंड कमिश्नर केके जालन ने बताया कि ईपीएफओ के ट्रस्टी और श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का एक पैनल इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है और जल्दी ही आपन रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप देगा।
गौरतलब है कि यह कदम केंद्र सरकार की 2022 तक सभी के लिए घर की योजना के तहत उठाया गया है। वर्तमान में ईपीएफओ के 70 फीसदी से ज्यादा सदस्यों का मासिक वेतन 15 हजार रूपए से कम है और इन्हें इस स्कीम का फायदा मिलेगा।