प्रस्तावित इंडियन फाइनेंसियल कोड तो केवल फाइनेंसियल सेक्टर लेजिसलेटिव रिफॉर्म्स कमीशन की एक सलाह है जिसमें नियामक संस्थाओं समेत वित्तीय क्षेत्र के लिए नया ढांचा बनाने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि फाइनेंसियल सेक्टर लेजिसलेटिव रिफॉर्म्स कमीशन के प्रस्तावित मसौदे में मौद्रिक नीति तय करने में रिजर्व बैंक के गर्वनर के वीटो अधिकार को कम करते हुए एक सात सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी बनाने की बात कही गई है जिसमें सरकार को चार सदस्यों को नियुक्त करने का अधिकार है।
ब्याज दरें सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मुद्दा बनती रही हैं। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे पास एक स्वतंत्र केन्द्रीय बैंक है। हम बुनियादी सिद्धान्तों का पालन करेंगे। कोई भी निर्णय सम्बंधित पक्षों से आपसी विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।