यदि बैंक अर्थव्यवस्था में खून का कार्य करते हैं तो निश्चित रूप से ऋ ण उसके लिए हीमोग्लोबिन होता है। हमारी बैंकिंग प्रणाली की आय का प्राथमिक स्रोत होने के नाते ऋ ण अर्थव्यवस्था के वित्तीय और आर्थिक व्यवस्था को स्थिर करने का भारी बोझ उठाता है।
नई दिल्ली। यदि बैंक अर्थव्यवस्था में खून का कार्य करते हैं तो निश्चित रूप से ऋण उसके लिए हीमोग्लोबिन होता है। हमारी बैंकिंग प्रणाली की आय का प्राथमिक स्रोत होने के नाते ऋ ण अर्थव्यवस्था के वित्तीय और आर्थिक व्यवस्था को स्थिर करने का भारी बोझ उठाता है। अत: हर किसी के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो जाता है कि क्रेडिट अर्थव्यवस्था के तहत पर्याप्त रूप से प्रबंधित हो। लेकिन हाल ही में एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) ने हमारी बैंकिंग प्रणाली और उधारकर्ताओं दोनों के सामने कुछ गभीर चुनौतियां पैदा कर दी हैं। एक तरफ जहां बैंकों को अपनी परिचालन लागत को भी कवर करना मुश्किल हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कई संभावित उधारकर्ता बैंकों द्वारा निर्धारित कर्ज मापदंडों और पात्रता मानदंडों के कारण अपने ऋ ण को प्राप्त करने में असमर्थ हैं। जाहिर है, ऋ ण चुकाने वालों को इस अनुचित स्थिति के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए। जहां जानबूझकर बकायेदार बनने वाले सुधार की अपेक्षा से परे और कर्ज कानूनी कारवाई के पात्र होते हैं वहीं अन्य भले और ईमानदार उधारकर्ता निम्न युक्तियों का पालन कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे ऋण बकायेदारों की बदनाम श्रेणी में न आएं।
जरूरत से ज्यादा ना लें
कभी-कभी बैंक, एक सभ्य सीआईबीआईएल स्कोर के कारण, आपको आपकी जरूरत से अधिक राशि दे सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय लेना पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। आपको अपनी आवश्यकताओं के बारे में अच्छी तरह ध्यान होना चाहिए और उतनी ही राशि उधार लेनी चाहिए जो आप पर अधिक बोझ डाले बिना आसानी से चुकाई जा सके। आपकी आय और ऋ ण की राशि के आधार पर अनुपात, जिस पर आपके ईएमआई की गणना की जा रही है, को आय अनुपात के लिए ऋ ण कहा जाता है। व्यवहार का एक सामान्य नियम कहता है कि आपकी आय अनुपात में कटौती आपके सकल वेतन का 40-45 से अधिक नहीं होना चाहिए जिसके आधार पर आप ऋ ण आवेदन कर रहे है।
ईएमआई की राशि वहन करने योग्य रखें
हर किसी को ईएमआई की राशि अपनी किफायती सीमा में रखनी चाहिए। दो प्रमुख तरीके हैं जिससे ईएमआई को निचले स्तर पर रखा जा सकता है। पहला ऋ ण अवधि में वृद्धि करके और दूसरा जितना अधिक संभव हो सके अग्रिम भुगतान (डाउन पेमेंट) कर के। पहले विकल्प के साथ समस्या यह है कि लंबी अवधि का मतलब है उच्च ब्याज भुगतान। इसलिए, दूसरा विकल्प सबसे अच्छा तरीका है जिससे आप ईएमआई अपनी पहुंच के भीतर व्यवस्थित कर सकते हैं। कृपया यह भी ध्यान रखें कि अधिकतम अग्रिम भुगतान देकर हम आपको अपनी पूर्ण बचत को अग्रिम भुगतान में बहाने के लिये नहीं कह रहे हैं, बल्कि हम आपके मौजूदा धन को एक तरीके से खर्च करने का सुझाव दे रहे हैं ताकि भविष्य में बचत सुनिश्चित रहे।
भविष्य के लिए बचाएं
वेतनभोगी कर्मचारियों और पेशेवरों में से अधिकांश नौकरी चले जाने या अन्य वित्तीय संकट के कारण ऋ ण चुकाने में अनेक मुश्किलों का सामना करते हैं और अंतत: ऋ ण को चुका भी नहीं पाते। इसलिये हमेशा से कहा जाता है कि संकट के दिनों के लिये अपने वेतन का निश्चित अनुपात बचाएँ ताकि एक निरंतर पुर्नभुगतान चक्र सुनिश्चित हो सके और ऋ ण बोझ व कानूनी कार्रवाई की परेशानियों से बचाव हो सके। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ खराब दौर के लिए आपकी आय का 20-25 प्रतिशत बचाने की सलाह देते हैं, फिर भी यह बेहतर होगा कि भविष्य के लिये रकम निश्चित करने से पहले आप अपनी आय, खर्च और उधार का आंकलन कर लें।
बीमित रहें और भविष्य को सुरक्षित रखें
भविष्य का अनुमान लगाना वास्तव में मुश्किल है क्योंकि हम में से कोई भी नहीं जानता कि भविष्य में क्या लिखा है। इस अनिश्चित दुनिया में किसी भी संभावित संकट के लिए अच्छी तरह तैयार बुद्धिमानी है। हममें से कोई भी नहीं चाहता की ऋ ण राशी भुगतान के लिये बैंक हमारे परिवार को परेशान करें। ऐसी स्थिति से बचने के लिये काफी विवेकपूर्ण होगा कि आप ऋ ण की राशि एवं कार्यकाल के बराबर बीमा राशि और बीमा कवरेज अवधि वाला सीमीत अवधि वाला बीमा खरीदें जिसे हम टर्म इंश्योरेंस भी कहते हैं। हां, बीमा पॉलिसी पर खर्च करने का विचार आप में से कई को फिजुलखर्ची दिख सकती है लेकिन आपके परिवार की खुशी और वित्तीय सुरक्षा की तुलना में यह कुछ भी नहीं है।