यही वो दौर होता है जब आप अपनी पहली जॉब या नए बिजनेस की शुरुआत सेलिब्रेट कर रहे होते हैं। इसी समय फ्यूचर प्लानिंग को लेकर सबसे ज्यादा संजीदा होते हैं। इस दौरान आपकी सैलरी भी अमूमन बहुत कम होती है। ऐसे में आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग कैसी होनी चाहिए…
प्रीतेश गुप्ता/नई दिल्ली. जिंदगी में 20 से 30 साल की उम्र का दौर फाइनेंशियल प्लानिंग के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी उम्र में यह तय होता है कि आप जीवन को किस तरह जीने की इच्छा और क्षमता रखते हैं। कमाई, बचत और निवेश को लेकर आपकी आदतों को सही दिशा देने के लिए यह सबसे बेहतरीन समय है। यही वो दौर होता है जब आप अपनी पहली जॉब या नए बिजनेस की शुरुआत सेलिब्रेट कर रहे होते हैं। इसी समय फ्यूचर प्लानिंग को लेकर सबसे ज्यादा संजीदा होते हैं। इस दौरान आपकी सैलरी भी अमूमन बहुत कम होती है। ऐसे में आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग कैसी होनी चाहिए? आइए इसी पर जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें…
कमाई और खर्च
यदि आप जॉब कर रहे हैं तो अधिकांशतः इस दौरान आप घर से दूर रह रहे होते हैं। ऐसे में आपकी इनकम का एक बड़ा हिस्सा मूल जरूरतों जैसे रेंट, ट्रैवलिंग, ईएमआई, ग्रॉसरी, मेडिसिन, इंश्योरेंस आदि में खर्च हो जाता है। इन सभी खर्चों को मैनेज करने के लिए सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा अलग रखना सही माना जाता है। इसके बाद बचे 50 फीसदी में से आपके उद्देश्यों के लिहाज से निवेश करना सही रहता है, जो आपके घर, कार, टूरिज्म जैसे सपनों को पूरा करने में मदद करता है।
रेंट को ऐसे करें मैनेज
फ्लैट रेंट, पावर, मैंटनेंस फीस आदि मिलाकर आपके मासिक बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। इसके लिए सैलरी का अधिकतम 15 फीसदी हिस्सा खर्च करना ही सही माना जाता है। संभव हो तो कम बजट वाला खुद का घर लेने की प्लानिंग करें ताकि रेंट की बजाय पैसा ईएमआई पर खर्च हो। इसके लिए आप शेयरिंग का विकल्प भी आजमा सकते हैं, जो फाइनेंशियल के साथ-साथ सुरक्षा और अनुभव के लिहाज से भी अच्छा होता है।
लोन रिपेमेंट सबसे पहले
यदि आप पर एजुकेशन लोन या कोई अन्य लोन बकाया है तो सबसे पहली प्राथमिकता इसके भुगतान की होनी चाहिए। जितनी जल्दी आप इन लोन्स का भुगतान करेंगे आपकी फाइनेंशियल ग्रोथ में उतनी ही तेजी से होगी।
इंश्योरेंस के लिए बेहतरीन समय
इस उम्र में इंश्योरेंस लेना सस्ता भी होता है और जरूरी भी। कम उम्र में लोअर प्रीमियम पर हायर रिटर्न मिलने की संभावना ज्यादा होती है। आपको 5 लाख रुपए तक का हेल्थ कवर लेना चाहिए। यदि आप पर कोई और भी निर्भर है तो टर्म लाइफ इंश्योरेंस को प्राथमिकता देनी चाहिए। बढ़ती अनिश्चितताओं के चलते अब लाइफ इंश्योरेंस भी जरूरी है।
लाइफस्टाइल पर 20 फीसदी
उम्र के इस दौर में आपको पार्टी सेलिब्रेशन, लाइफस्टाइल पर खर्च करने, घूमने-फिरने का भी शौक ज्यादा होता है। ये सब अच्छी जिंदगी के लिए जरूरी भी है, लेकिन कोशिश करें कि इन पर खर्च कुल इनकम का 20 फीसदी से ज्यादा ना हो।
बचत और निवेश
इन दिनों में बचत और निवेश की आदत काफी हद तक आपका आर्थिक भविष्य तय कर देती है। थोड़ी ही सही लेकिन बचत और उद्देश्यों के लिहाज से उसका सही निवेश जरूरी है। शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म के हिसाब से अपने लक्ष्य तय करें। फिर इसी हिसाब से पोर्टफोलियो बनाएं। सैलरी का कम से कम 30 फीसदी निवेश के लिए रखना चाहिए। इनकम टैक्सेबल है तो टैक्स बेनिफिट वाले टूल्स भी निवेश करें। इसके बाद अपनी क्षमताओं के हिसाब से थोड़ी रिस्क ले सकते हैं। लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए इक्विटी और इक्विटी म्युचुअल फंड को प्राथमिकता दें। फ्लैक्सिबल एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो सकती है, क्योंकि इसमें आप हर महीने कैपेसिटी के हिसाब से पैसे जमा कर सकते हैं।
इमरजेंसी फंड बनाएं
कमाई का कुछ हिस्सा ऐसे टूल्स में निवेश करें जहां से जरूरत के समय तुरंत पैसा मिल सके। इसमें आप ऐसे विकल्पों का चयन कर सकते हैं जहां मैच्योरिटी टर्म फिक्स ना हो। नौकरी की असुरक्षा के चलते स्विचिंग के दौरान यह अमाउंट आपके बेहद काम आएगा। करियर के शुरुआती दौर में एक ही जॉब में लंबे समय तक टिक पाना थोड़ा मुश्किल होता है।