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…ऐसे वापस मिलेगा ई-वॉलेट से लेनदेन में अटका पैसा

Published: Dec 16, 2016 12:26:00 pm

नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट सेग्मेंट में लोग बैंकिंग एप्स के बजाए ई-वॉलेट्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन बैंकिंग सिस्टम की तरह इसमें शिकायत-निवारण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम नहीं है…

E wallet

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नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट सेग्मेंट में लोग बैंकिंग एप्स के बजाए ई-वॉलेट्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन बैंकिंग सिस्टम की तरह इसमें शिकायत-निवारण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम नहीं है। बैंक से जुड़ी शिकायतों के लिए तो आप फोन, ई-मेल, ओम्बुड्समैन जैसे कई साधन हैं, जहां से आपको पूरी जानकारी एक ही जगह से मिल सकती है। आइये जानते हैं ई-वॉलेट्स से जुड़ी अपनी शिकायतों का समाधान कैसे किया जा सकता है?

वॉलेट और बैंक के बीच लेनदेन में समस्या

ई-वॉलेट्स से जुड़ी शिकायतें अमूमन ट्रांजैक्शन फेल होने से जुड़ी होती है। ऐसे में यदि पेमेंट वॉलेट टू वॉलेट किया गया हो तो फेल होने पर पैसा भेजने वाले के अकाउंट में ही वापस चला जाता है। इस केस में कोई मध्यस्थ ना होने से ज्यादा समस्या नहीं होती है। लेकिन यदि पेमेंट वॉलेट से बैंक अकाउंट या बैंक अकाउंट से वॉलेट में भेजने के दौरान अटक जाता है, तो दिक्कत बढ़ जाती है। 

आप उठा सकते हैं ये कदम

ई-वॉलेट यूजर के पास बैंकों की तरह ओंबुड्समैन नहीं होते हैं। ऐसे में पेमेंट अटकने पर कंपनी के हेल्पलाइन नंबर के जरिये कॉल सेंटर से मदद ले सकते हैं। ज्यादातर एप्स में शिकायत दर्ज कराने की सुविधा इनबिल्ट होती है। इसके अलावा ईमेल या कंपनियों के सोशल मीडिया पेज शिकायत दर्ज कराना भी मददगार होता है। यदि पैसा ई-वॉलेट कंपनी की जगह बैंकिंग सिस्टम में है तो बैंक को शिकायत करनी पड़ेगी। ई-वॉलेट कंपनी की प्रतिक्रिया संतोषजनक ना हो तो कोर्ट भी जा सकते हैं। लेकिन इसमें आपको यह साबित करना होगा कि आप ई-वॉलेट कंपनी और पेमेंट ट्रांजैक्शन से जुड़े अन्य पक्षों के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं। 

4-8 दिन में मिलता है समाधान

ई-वॉलेट कंपनियां बैंकों को मैनुअली रिक्वेस्ट भेजती है, ऐसे में दिक्कत होने की आशंका रहती है। कंपनियां ऐसी रिक्वेस्ट आमतौर पर हर 24 घंटें में प्रोसेस करती हैं। इसके बाद बैंकों को इन पर कार्यवाही करनी होती है। वहां पर समाधान में 4 से 8 दिन लग सकते हैं।

काम आएंगी ये जानकारियां

ट्रांजैक्शन के बाद मिला मैसेज, ओटीपी, स्क्रीन शॉट, ऑर्डर डिटेल, ट्रांजैक्शन आईडी, शिकायत का नंबर, बैंक अकाउंट हिस्ट्री आदि।

ट्रांजैक्शन फेल होने की वजहें

वॉलेट और बैंक के बीच होने वाले लेनदेन में सर्वर डाउन होने, टाइम आउट होने, कन्फर्मेशन ना मिलने जैसी कई दिक्कतों के चलते पेमेंट अटक जाता है। ऐसे में यूजर को यह समझने में दिक्कत होती है कि पेमेंट कहां अटका हुआ है।

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