नई दिल्ली. प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) जारी करने के नियम सरल करते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को इस तरह के उपकरण गैर सूचीबद्ध कंपनियों, सार्वजनिक इकाइयों मसलन नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों को जारी करने की अनुमति दे दी है। इससे डिजिटल लेनदेन प्रणाली को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी। संगठन भी कर्मियों […]
नई दिल्ली. प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) जारी करने के नियम सरल करते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को इस तरह के उपकरण गैर सूचीबद्ध कंपनियों, सार्वजनिक इकाइयों मसलन नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों को जारी करने की अनुमति दे दी है। इससे डिजिटल लेनदेन प्रणाली को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी।
संगठन भी कर्मियों को जारी कर सकेंगे रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए बैंक इसमें अन्य इकाइयों-नियोक्ताओं मसलन गैर सूचीबद्ध कंपनियों, भागीदारों फर्मों, एकल स्वामित्व, नगर निगम जैसे सार्वजनिक संगठनों, शहरी-स्थानीय निकायों को शामिल करने की अनुमति दे दे। ये संगठन आगे इन्हें अपने कर्मचारियों या अनुबंधित श्रमिकों को जारी कर सकते हैं।
अभी ये था नियम अभी तक बैंकों द्वारा सिर्फ उन कंपनियों को ऐसे ऐसे उत्पाद जारी किए जाते थे, जो देश में किसी भी शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि वे सिर्फ उन इकाइयों या नियोक्ताओं को पीपीआई जारी करें जिनका उनके बैंक में खाता है। इसके साथ उन्हें यह गारंटी भी देनी होगी कि वे किसी अन्य बैंक से यह सुविधा नहीं लेंगे।
पीपीआई में जमा हो सकतें हैं अधिकतम 50 हजार
रिजर्व बैंक के नियम के अनुसार अभी एक पीपीआई में अधिकतम 50 हजार रुपए की राशि भरी जा सकती है। इसके मालिक उस पैसे के उसके नियमित खाते में भी हस्तांतरित करने की छूट दे सकते हैं।