अगर आप व्यक्तिगत करदाता हैं और कि सी कारण से डेडलाइन से चुक जाते हैं तो भी चिंता की बात नहीं है। आप अपना रिटर्न 31 मार्च 2018 तक भर सकते हैं।
नई दिल्ली। अभी तक वित्त वर्ष 2016-2017 (असेसमेंट ईयर 2017-18) के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर आप व्यक्तिगत करदाता हैं और कि सी कारण से डेडलाइन से चुक जाते हैं तो भी चिंता की बात नहीं है। आप अपना रिटर्न 31 मार्च 2018 तक भर सकते हैं। आयकर विभाग करदाताओं को यह सहुलितय देता है। हालांकि, डेडलाइन के बाद नियम थोड़े बदल जाते हैं। अगर आप पर टैक्स की देनदारी बनती है और 31 जुलाई के बाद आयकर रिटर्न फाइल करते हैं तो आपके ऊपर जो टैक्स देनदारी बनेगा उस रकम पर साधारण ब्याज देना पड़ सकता है। हालांकि, यह टैक्स विभाग पर निर्भर करेगा कि वह ले या नहीं।
अगर टैक्स की देनदारी है
चार्टर्ड अकाउंटेंट संजीव कुमार के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 के लिए टीडीएस कट जाने और अडवांस टैक्स पे कर देने के बाद भी अगर आपके ऊपर टैक्स की कोई देनदारी बनती है और आप 31 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको जो टैक्स देना बनता है, वह और उस रकम पर 1 फीसदी महीना की दर से साधारण ब्याज देना होगा। टैक्स जमा करने की जो ड्यू डेट होगी, उससे लेकर रिटर्न फाइल करने की तारीख तक के समय के लिए आपको ब्याज देना होगा। बचे हुए टैक्स और ब्याज की रकम जमा कराकर आप 31 मार्च 2018 तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
अगर टैक्स की देनदारी नहीं
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए अगर आपका टीडीएस आपकी कंपनी या एम्प्लॉयर ने काट लिया है और आप पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं बनती है तो आप फाइनैंशल ईयर 2016-17 खत्म होने के एक साल के भीतर अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। यहां यह जानना जरूरी है कि अगर आप 31 मार्च 2018 तक अपना रिटर्न फाइल कर देंगे तो आप पर कोई भी पेनल्टी नहीं लगेगी, लेकिन इसके बाद लग सकती है। हालांकि यह भी सच है कि पेनल्टी लगाना इनकम टैक्स विभाग का विवेकाधिकार होता है और बहुत ही कम केसों में इसे यूज किया जाता है।
31 मार्च तक फाइल करें रिटर्न
चार्टर्ड अकाउंटेंट संजीव कुमार के अनुसारवित्त वर्ष 2016-17 के लिए व्यक्तिगत करदाता 31 जुलाई की डेडलाइन चुकने के बाद 31 मार्च 2018 तक अपना आयकर रिटर्न भर सकते हैं। उनको इसके लिए कोई पेनल्टी का भी भुगतान नहीं करना होगा। हालांकि, इसमें एक जो समस्या है वह यह है कि अगर 31 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करते हैं औैर गलती होती है तो उसमें बदलाव नहीं करा सकते हैं। अभी भरने पर वह अपने रिटर्न में बदलाव करा सकते हैं।