86 साल की उम्र में हुआ अल्जाइमर समेत कई बीमारियों से जूझ रहे पूर्व राष्ट्रीय कोच का निधन
कोलकाता। भारत के पहले प्रोफेशनल फुटबॉल कोच कहे जाने वाले अमल दत्त का रविवार देर रात यहां पर निधन हो गया। 86 वर्षीय राष्ट्रीय टीम के पूर्व कोच अल्जाइमर समेत कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे।
देश के लिए भी खेले थे
अमल दत्त 1950 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम के लिए कुछ मैच खेले थे, इस दौरान उन्होंने वर्ष 1954 में मनीला में आयोजित एशियन गेम्स में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद वह कोचिंग से जुड़ गए थे।
प्रोफेशनल कोच बनने के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी
दत्त ने खेलने से संन्यास लेने के बाद इंग्लैंड जाकर प्रोफेशनल कोचिंग के लिए एक साल का कोङ्क्षचग कोर्स किया। वहां से देश वापस लौटने के बाद उन्होंने 1960 में संतोष ट्रॉफी में रेलवे की टीम को प्रशिक्षण दिया। अमल उस समय बहुत ज्यादा चर्चित हो गए, जब उन्होंने फुलटाइम प्रोफेशनल कोच बनने के लिए रेलवे की सरकारी नौकरी छोड़ दी और उसकी फुटबॉल टीम की कोचिंग भी छोड़ दी। वह देश के पहले प्रोफेशनल फुटबॉल कोच बने। उनका पहला प्रोफेशनल कोचिंग कांट्रेक्ट वर्ष 1963 में ईस्ट बंगाल के साथ था।
कोचिंग करियर में जीती सभी ट्रॉफियां
अमल दत्त ने विभिन्न क्लबों के साथ कोच के तौर पर जुड़े रहते हुए देश की सभी प्रमुख फुटबॉल ट्रॉफियां जीतीं। वह 80 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम के भी टेक्नीकल डायरेक्टर थे और इस दौरान भारतीय टीम ने भी कई बड़े खिताब जीते। अंतिम बार उन्होंने लगभग 10 साल पहले मोहन बागान की कोचिंग का जिम्मा संभाला था, लेकिन उन्हें बीच सीजन में ही बीमारी के कारण हटना पड़ा था। इसके बाद से वह लगातार बीमारियों से ही जूझ रहे थे।
किया गया जमकर याद
फुटबॉल में अमल दत्त की हस्ती क्या थी, इसका अंदाजा उनकी मौत के बाद सोशल साइट्स पर फुटबॉल फैंस की तरफ से उनके बारे में लिखी गई बातों से ही पता चल जाता है भारतीय। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी दिवंगत कोच के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, अमल दत्त के निधन की खबर से दुखी। फुटबॉल जगत उन्हें याद करेगा। यह बड़ी क्षति है। उनके परिवार एवं दोस्तों को मेरी सांत्वना। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने कहा, अमल दत्ता नहीं रहे, यह सुनना बहुत दुख की बात है। भारतीय फुटबॉल में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। मैं इस दुख में उनके परिवार के साथ हूं। एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने कहा, अमल दत्त अपने अचीवमेंट्स में जिंदा हैं। वह हमेशा बहुत सारे फुटबॉल खिलाडि़यों के लिए प्रेरणा का विषय रहेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले।