700 छात्र-छात्राएं, भवन जर्जर, शिक्षक मात्र तीन, अब आंदोलन की तैयारी
गरियाबंदPublished: Jul 03, 2016 10:09:00 am
अब ऐसा नहीं चलेगा। 15 दिनो के अंदर यदि शिक्षक की व्यवस्था नहीं होती
तो कांग्रेस द्वारा छात्र-छात्राओं व पालकों को लेकर शिक्षक की मांग के लिए
नगर बंद, चक्का जाम किया जाएगा।
मैनपुर. शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय इन दिनों अपनी बदनसीबी पर आंसू बहाने विवश है। एक तरफ केंन्द्र व राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा किया जाता है और बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ठीक इसके उलट यहां पढऩे आने वाले बच्चों के लिए पिछले तीन-चार वर्षों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। यहां कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक कुल 700 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और अभी प्रवेश जारी है। लेकिन इन छात्रों को पढ़ाने के लिए शासन द्वारा महज तीन शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
यह आसानी से समझा जा सकता है कि तीन शिक्षक 700 बच्चों को कैसे एक साथ पढ़ाएंगे। जबकि इस स्कूल में शिक्षक की मांग को लेकर लगातार पालक और विद्यार्थियों द्वारा उच्च अधिकारियों सहित आला नेताओं, विधायक, सांसद को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसके अलावा अब तक दो से तीन बार शिक्षा कार्यालय का घेराव भी छात्र छात्राओं द्वारा किया जा चुका है बावजूद इसके अब तक शासन-प्रशासन ने यहां के बच्चों के लिए शिक्षक की व्यवस्था करना उचित नहीं समझा। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही अब इस विद्यालय में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं के पालक जल्द ही बैठक कर शिक्षक व्यवस्था को लेकर आंदोलन की रूपरेखा बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
बरामदे में शिक्षक
इस परिसर में बालक मिडिल स्कूल के साथ ही नवीन महाविद्यालय भी संचालित हो रहा है। यहां कमरों, कक्षों की कमी लंबे समय से बनी हुई है शिक्षकों को बरामदे में पर्दे तानकर बैठना पड़ता है। हायर सेकंडरी स्कूल भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चली है। भवन के खिड़की दरवाजे टूट गए हैं। छत इतनी जर्जर हो गई है कि बारिश होने पर पानी कमरों के अंदर झरने की तरह बहने लगता है। इससे पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के पुस्तक-कॉपी के साथ गणवेश भी भीग जाते हंै। जगह-जगह से दरार व सीपेज से गंभीर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बारिश के दिनों में पूरा विद्यालय परिसर तालाब की तरह पानी से लबालब भरा रहता है।
छात्र-छात्राओं को घुटने तक पानी पार कर कक्षा तक जाना पड़ता है। इस विद्यालय भवन के नवनिर्माण के लिए विभाग द्वारा दो वर्ष पहले स्टीमेट मांगा गया था और इंजीनियरों द्वारा सर्वसुविधायुक्त विद्यालय भवन के लिए लगभग चार करोड़ रुपए के स्टीमेट तैयार कर भेजे गये थे। लेकिन अब तक राशि स्वीकृत नहीं हो पाई है। वहीं लैब भवन की स्थिति का तो भगवान ही मालिक है। इस भवन का शेड टूट-फूट गया है। कक्षा 12 वीं के छात्र प्रतीक गोस्वामी, लिबास पटेल, सेज पटेल, रूपेन्द्र साहू, अज्जू खान, गौरव बाम्बोड़े ने बताया कि स्कूल में शिक्षक व भवन की मांग को लेकर कई बार आवेदन दे चुके हैं। दो से तीन बार तो शिक्षा कार्यालय का घेराव भी किया ।
कृषि संकाय बंद
शिक्षक की कमी के चलते वर्ष 2011 मे कृषि संकाय को बंद कर दिया गया जबकि यह क्षेत्र कृषि से संबंधित है। यहां के बच्चे शिक्षा हासिल करने के बाद खेती-किसानी पर ज्यादा ध्यान देते हंै। इस मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने तत्कालीन कलक्टर निरंजन दास को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद दास ने स्वयं स्कूल का निरीक्षण किया था और यहां कृषि संकाय खोलने का निर्देश भी दिए थे। साथ ही विद्यालय मे शिक्षक की व्यवस्था करने की बात कही थी। छात्रों ने शीघ्र की व्यवस्था सुधारने की मांग शासन-प्रशासन
से की है।
गौरवशाली इतिहास
सन् 1980 में यहां शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शुरू किया गया है। इस विद्यालय का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। यहां से पढ़ाई कर चुके छात्र आज बड़े बड़े पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, तहसीलदार, शिक्षक सहित विभिन्न शासकीय पदों में सेवारत हैं। साथ ही कई छात्र राजनीति के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रहे हैं, बावजूद आज यह विद्यालय मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इस विद्यालय के प्राचार्य को बीईओ पद में नियुक्त कर दिया गया है जिसके चलते अब मात्र तीन शिक्षक हैं, जबकि हिन्दी, कॉमर्स, संस्कृति, इतिहास, राजनीति, भौतिकी, गणित सहित 11 व्याख्याता, तीन विज्ञान शिक्षक व एक व्यायाम शिक्षक की कमी पिछले चार-पांच वर्षों से बनी हुई है।
होगा आंदोलन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनक धु्रव, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हेमसिंग नेगी, शहर अध्यक्ष गुलाम मेमन, ब्लॉक सचिव रामकृष्ण धु्रव, रामसिंग नागेश, खेदू नेगी आदि ने कहा कि भाजपा सरकार को आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। बड़े शहरों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक स्कूल में है। दुर्भाग्य है कि 700 बच्चों के लिए सरकार मात्र तीन शिक्षक की व्यवस्था की है। अब ऐसा नहीं चलेगा। 15 दिनो के अंदर यदि शिक्षक की व्यवस्था नहीं होती तो कांग्रेस द्वारा छात्र-छात्राओं व पालकों को लेकर शिक्षक की मांग के लिए नगर बंद, चक्का जाम किया जाएगा।
बैठक में बताया है
इस विद्यालय में 700 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जबकि मात्र तीन शिक्षक हैं। शिक्षक की समस्या को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी व आला अधिकारियों को समय-समय पर बैठक में अवगत कराया जा चुका है।
एचएन सिंह, प्रभारी प्राचार्य शाउमावि मैनपुर
व्यवस्था करेंगे
मेरी पहली प्राथमिकता मैनपुर ब्लॉक में शिक्षक की व्यवस्था को लेकर है। इस माह यहां पांच शिक्षकों की व्यवस्था जिला पंचायत के माध्यम से कर दी जाएगी।
पारस ठाकुर, जिपं उपाध्यक्ष, गरियाबंद