गया। सीएम नीतीश कुमार ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को लेकर कहा कि कोई इस विचार के साथ छेड़छाड़ नहीं करे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जॉर्ज येओ के यह आरोप लगाकर पद छोड़ने के बाद कही कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता प्रभावित हो रही है।
क्योंकि संस्थान में नेतृत्व में बदलाव के बारे में उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। दिल्ली में एक समिट को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर केंद्र को एक पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘नालंदा विश्वविद्यालय किसी और केंद्रीय विश्वविद्यालय की तरह नहीं है।
इसका अपना इतिहास रहा है, हम उस इतिहास को पुनर्जीवित करना चाहते थे। इसलिए कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने के विचार के साथ कृपया छेड़छाड़ नहीं करें।’’ बता दें कि सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री येओ ‘भारतीय नहीं थे’ इस बात पर गौर करते हुए कुमार ने कहा कि उनका कोई ‘राजनैतिक झुकाव नहीं था’ कि 2010 के केंद्रीय अधिनियम के अनुसार विश्वविद्यालय के संचालन निकाय का गठन करते वक्त केंद्र उन्हें विश्वास में नहीं ले।
सीएम ने कहा, ‘‘वह शुरूआत से ही नालंदा विश्वविद्यालय गठित करने के विचार में सक्रिय रूप से शामिल थे। इसलिए, उन्हें विश्वास में लिया जाना चाहिए था। मैं इसको लेकर निराश महसूस कर रहा हूं, अब, मैं अपनी तरफ से औपचारिक तौर पर पत्र भेजूंगा।’’
येओ विश्वविद्यालय के दूसरे कुलाधिपति हैं जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्वायत्तता प्रभावित होने का आरोप लगाते हुए पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने इस पद से इस्तीफा दिया था।