गया। जिले में इन दिनों इंट्री माफिया गिरोह सक्रीय है। जिन पर रोक लगाने के लिए लंबे समय से पुलिस कार्रवाई कर रही है। बीते दिनों संरक्षण देकर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने के आरोप में तीन पुलिस उपाधीक्षक एवं एक अपर पुलिस अधीक्षक चिन्हित किए गए हैं। जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने की अनुशंसा गृह विभाग के प्रधान सचिव एवं पुलिस महानिदेशक से की गई है।
राज्य सरकार को प्रति माह करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति इंट्री माफिया गिरोह के द्वारा पहुंचाई जा रही हैं। पटना जोन के एसपी नैय्यर हसनैन खान ने इंट्री माफिया गिरोह के साथ संलिप्तता के आरोप में कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तथा कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की हैं।
विभाग के आधिकारी व कर्मी भ्रष्ट
पटना के जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खान ने 6 जनवरी की रात राष्ट्रीय राजमार्ग-2 जीटी रोड एवं सासाराम-भोजपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों के अवैध परिचालन के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। इसके बावजूद इंट्री माफिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की हिम्मत कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को नहीं हुई। क्योंकि इंट्री माफिया के ‘पे रोल’ पर विभाग के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मी होते हैं।
विशेष अभियान की भनक
स्थानीय अधिकारियों को विशेष अभियान की भनक तक नहीं थी। जिसका परिणाम अब सामने हैं। विशेष अभियान में 365 वाहनों को पुलिस टीम ने जब्त किया। जिन पर अवैध बालू, कोयला, पत्थर व अन्य सामान लोड था। इसके साथ ही वाहनों पर तय से अधिक वजन लोड था।
पुलिस महानिरीक्षक श्री खान ने बताया कि उन्होंने गुरूवार को गृह विभाग के प्रधान सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को विशेष अभियान को लेकर जांच रिपोर्ट समर्पित की हैं।
आईजी श्री खान के अनुसार जांच रिपोर्ट में शेरघाटी के एसडीपीओ उपेन्द्र प्रसाद, औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ पारसनाथ साहू, कैमूर के मोहनिया के डीएसपी मनोज राम तथा विक्रमगंज के अपर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह की संलिप्तता अवैध वाहन परिचालन में प्रथम दृष्टा में पाई गई हैं।
आईजी श्री खान ने कहा कि संबंधित अधिकारी के क्षेत्र में अवैध धंधा व्यापक पैमाने पर संचालित था। लेकिन अधिकारियों की ओर से अवैध कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नही की गई। विशेष अभियान में एक ही रात सैकड़ों की संख्या में अवैध परिचालन में संलिप्त वाहनों को जब्त किया गया।