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निठारी कांड: कोर्ट ने कहा- सभ्य समाज केलिए इनको फांसी देना जरूरी

locationगाज़ियाबादPublished: Jul 24, 2017 06:36:00 pm

Submitted by:

sharad asthana

आठवें मामले मेंफैसला सुनाते हुए अदालत ने की विशेष टिप्पणी

nithari case

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वैभव शर्मा, गाजियाबाद। नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड मामले में सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने कोठी के नौकर सुरेन्द्र कोली और मालिक मोनिंदर पंधेर को फांसी के तौर पर सजा ए मौत का फरमान सुनाया है। फैसलाआने के बाद में पीड़ित परिवार की आंखों में संतोष के आंसू दिखे। आठवें मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने एक विशेष टिप्पणी की है। सीबीआई विशेष न्यायधीश पवन कुमार तिवारी का कहना है कि समाज के लिए ऐसे लोग खतरनाक हैं। सभ्य समाज के लिए ऐसे लोगों को फांसी दिया जाना जरूरी है। 

बताया जा रहा है क‍ि भारत में सुरेन्द्र कोली एक मात्र ऐसा शख्स है, जिसे अब तक अदालत ने सबसे ज्यादा बारफांसी की सजा सुनाई है। निठारी कांड में सीबीआई की तरफ से 16 मामले दर्ज किए गए थे, सात मामलों में कोली को सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है। आज सीबीआई विशेष न्यायधीश पवन कुमार तिवारी ने नौकर सुरेन्द्र कोली और निठारी कांड की गवाह बन चुकी खूनी कोठरीके मालिक मोनिंदर पंधेर को भी फांसी की सजा सुनाई है। अब पंधेर को भी फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।

रेयरकैटेगरी में माना गया केस

पिंकी सरकार मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे रेयर ऑफ रेयरेस्ट की कैटगरी में माना। अदालत ने कोली को आईपीसी की धारा 364, 302, 201, 576,511, 120 बी आईपीसी केलिए दोषी माना है। जबकि पंधेर को 302, 201, 120 बी आईपीसी के लिए दोषी माना है।दोनों पर 68 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया गया है।


क्‍या बोली पीड़ि‍ता की मां

पिंकी सरकार मामले में फांसी की सजा सुनाए जाने पर पीड़ि‍ता की मां ने कहा क‍ि अभी केवल आदेश हुआ है। जब तक फांसी नहीं हाेगी हमें चैन नहीं मिलेगा। वहीं, आरोपी सुरेन्द्र कोली का कहना है कि सीबीआई कोर्ट ने एक तरफा सुनवाई करते हुए मौत की सजा सुनाई है। आरटीआई के जरिए तमाम सबूतों को उसने कोर्ट के सामने पेश किया। लेकिन अदालत ने कई रसूख और मोटे रुपये वाले लोगों को छोड़ दिया। 
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