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सपा नेता ओमप्रकाश सिंह का पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, जानिए क्या कहा

locationगाजीपुरPublished: Dec 09, 2016 07:08:00 pm

पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने प्रेस कांफ्रेन्स कर पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी की और कहा कि…

Om Prakash singh-pm modi

Om Prakash singh-pm modi

गाजीपुर. सपा के प्रदेश महासचिव और पूर्व पर्यटन मंत्री, जमानियां विधायक ओमप्रकाश सिंह ने प्रेस कांफ्रेन्स कर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और गाजीपुर सांसद व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा पर नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाए हैं। देश को गृहयुद्ध में झोंक देना चाहते हैं मोदी, मोदी जी विषय से विषयान्तर हो रहे हैं, रंग पोत के सियार को शेर नहीं बनाया जा सकता।

पीसी में उन्होंने कहा है कि.. 
वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यकाल में संगठित भ्रष्टाचार पनप रहा है। इस भ्रष्टाचार में केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल से लेकर उनके सांसद तक शामिल हैं। निर्वाचन आयोग में पचास साल राज करने वाली कांग्रेस ने पांच सो कुछ करोड़ का खर्चा लोकसभा चुनाव का दिया। जबकि इन्होने सात सौ चौदह करोड़ का खर्च लोकसभा में किए,ये मोदी जी दिए हैं। ये अडानी की गाड़ी और प्‍लेन में चलते हैं ये सोलह हजार करोड़ का कागज नोट छापने के लिए खरीद लिए माने इसमें भी घपला मोदी जी कर दिए।

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा पर नाम न लेते हुए सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पार्टी के ही सांसद हैं, लेकिन इसे इत्तेफाक कहा जाए या फिर कुछ और कि आठ नवंबर को देश में नोटबंदी लागू की जाती है, तो वहीं तीन नवंबर को नगर के सिकंदरपुर में नीलम सिन्हा पत्नी मनोज कुमार सिन्हा के नाम से 60 लाख रुपये की लागत से 223 वर्ग मीटर का भूखंड रजिस्ट्री होता है।

इस नोटब्ंदी के माहौल में आम जनता अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कराह रही है। वहीं भाजपा के सांसद व मंत्री भूखंड रजिस्ट्री करा रहे हैं। नोटबंदी के कारण रजिस्ट्री आफिस सूना पड़ा हुआ है। जनता की क्रय शक्ति घट गई है। जब रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही रुपये नहीं हैं तो भला जनता जमीन व मकान की खरीदारी कहां से करेगी।

लेकिन भाजपा के लोगों पर नोटबंदी का असर दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज जिन भी विधायकों के यहां से रुपये बरामद किया जा रहा हैं, उनमें अधिकांश भाजपा के हैं। गैर राज्यों में अधिकांश भाजपा विधायकों के पास से ही रुपये बरामद किये गये हैं। नोट बन्दी पर केन्द्र पाँच सौ की करेन्सी के बीस लाख रू. साध्यकालीन एसबीआई में आया था लेकिन नहीं बटा, भ्रष्टाचार व्यापक रूप से फैल चुका है।

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