बगैर सरकारी मदद के 100 महिलाओं को किया जाएगा साक्षर
Education for Illiterate Women
गाजीपुर. एक तरफ देश को डिजिटल बनाने की बात हो रही है, वहीं हमारे देश में आज भी कई ऐसे लोग हैं जिनके अनपढ़ होने का फायदा उनके परिवार वाले उठा रहे हैं। ऐसे ही अनपढ़ महिलाओं को साक्षर कराने का बीड़ा दिव्यांगों की संस्था समर्पण ने उठाया है, इस संस्था ने बगैर किसी सरकारी मदद के सौ महिलाओँ को साक्षर बनाने तक निःशुल्क शिक्षा देने का काम शुरू किया है।
समर्पण संस्था दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनको शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा देती है, इस संस्था को चलाने वाली सबिता सिंह भी खुद पैर से विकलांग है और आरईएस विभाग में लेखाकार के पद पर कार्यरत है। दिव्यांगों के लिए कार्य करने के लिए जनपद सहित प्रदेश सरकार और कई सरकारी संस्थानों द्वारा सम्मानित भी की जा चुकी है।
संस्था की ऩई पहल उन महिलाओँ के लिए शुरू किया है जो बचपन में किसी कारण स्कूल का मुंह नहीं देख पायी। जिसकी वजह से ये अपना सभी काम अंगूठा लगाकर करती है। इन महिलाओं के सामने इनके नाती पोते स्कूल जाते है और अंग्रेजी में बात करते है तब इन्हे अपने अनपढ़ होने का एहसास होता है। ऐसे में इन महिलाओं ने सबिता सिंह और उनकी टीम की प्रेरणा से अनपढ़ की बजाय साक्षर होने का संकल्प लिया है। हालांकि इन महिलाओं का एक दर्द यह भी है कि इस उम्र में पढ़ाई की बात करने पर ताने भी सुनने को मिलती है।
इस स्कूल को चलाने वाली दिव्यांग सविता सिंह और उनके टीम के सहयोगियों ने 100 महिलाओं को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। जिसके लिए इन्हे पिछले एक माह से इसके लिए प्रयास किया और अब इनके लिए कार्य शुरू कर पायी। इन सभी के लिए बैंग, कापी, पेंसिल के साथ ड्रेस में साड़ी की व्यवस्था भी बगैर सरकारी मदद के की गई है। इन महिलाओं को एक सप्ताह के अंदर नाम लिखने का लक्ष्य तय किया है, यदि नहीं हो पाता है तो इनके सीखने तक यह स्कूल जारी रहेगा।