जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने ऊधमपुर आतंकवादी हमले में ङ्क्षजदा पकड़े गए आतंकवादी लश्करे तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद नावेद को कथित अंधेरे कमरे के बजाय सामान्य कोठरी में रखने का निर्देश दिया है। नावेद ने एनआईए के विशेष न्यायाधीश वाई पी कोतवाल के समक्ष अपनी शिकायत में शनिवार को कहा कि जेल प्रशासन उसे अंधेरे कमरे में रख रहा है।
जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने ऊधमपुर आतंकवादी हमले में ङ्क्षजदा पकड़े गए आतंकवादी लश्करे तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद नावेद को कथित अंधेरे कमरे के बजाय सामान्य कोठरी में रखने का निर्देश दिया है। नावेद ने एनआईए के विशेष न्यायाधीश वाई पी कोतवाल के समक्ष अपनी शिकायत में शनिवार को कहा कि जेल प्रशासन उसे अंधेरे कमरे में रख रहा है।
लगातार अंधेरे कमरे में रहने के कारण उसे मानसिक तनाव हो रहा है और उसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नावेद ने अदालत से अनुरोध किया कि उसे किसी अन्य जगह रखा जाय। न्यायाधीश कोतवाल ने नावेद की इस शिकायत पर जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि उसे कथित रूप से अंधेरे कमरे में न रखा जाय।
अदालत ने यह भी कहा कि नावेद की सुरक्षा के साथ किसी किस्म का समझौता न किया जाय तथा हर 48 घंटे में उसका मेडिकल परीक्षण किया जाय। अदालत ने नावेद तथा पांच अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि 14 दिनों के लिए बढाने के आदेश दिए। न्यायाधीश कोतवाल ने अभियोजन और अन्य वकीलों का पक्ष सुनने के बाद नावेद के अलावा मामले के आरोपी खुर्शीद अहमद भट, शौकत अहमद भट, शाबजार अहमद भट, खुर्शीद अहमद इट्टू और फयाज अहमद इट्टू की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए 11 दिसंबर तक बढ़ा दी।
इस मामले का एक आरोपी फयाज अहमद अशवार उर्फ सेठा अब भी फरार है। उसे पकडऩे के लिए तलाशी अभियान जारी है। उसे पकडने के लिए ईनाम भी घोषित किया गया है। अदालत को यह भी बताया कि दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिददीन के तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद कानून व्यवस्था की समस्या के कारण दक्षिण कश्मीर में जांच संभव नहीं है।