लेबर रूम में एग्जाम देकर ‘ग्रेजुएट’ हुई मां, रचा एक इतिहास
Published: Nov 21, 2015 01:53:00 pm
अमेरिका के जॉर्जिया कॉलिसियम मेडिकल सेंटर से एक अद्भुत कहानी सामने आई है। वैसे तो यहां के लेबर रूम में सालों-साल न जाने की कितनी औरतों मां बनी।
अमेरिका के जॉर्जिया कॉलिसियम मेडिकल सेंटर से एक अद्भुत कहानी सामने आई है। वैसे तो यहां के लेबर रूम में सालों-साल न जाने की कितनी औरतों मां बनी। एक लेबर रूम में किसी औरत को मां बनते तो आपने बहुत देखा होगा लेकिन ‘ग्रेजुएट’ होते पहली बार सुनोगे।
इसी महीने की 12 तारीख को 21 साल की टोमीट्राइस कॉलिन्स जहां अपने मां बनने के आखिरी पढ़ाव पर थी वहीं वह ‘ग्रेजुएट’ होने की परिक्षा भी दे रही थी। बीते दिन वह लेबर रूम के बिस्तर पर बैठी थी। हॉस्पिटल का गाउन और हाथ में आईवी लगी हुई।
पिछले 15-16 घंटे से उन्हें रह-रह कर लेबर पेन हो रहा था। अपने बच्चे को इस दुनिया में आने को लेकर वह कहीं अधिक बेचैन थी। उन्हें डर था कि यदि बच्ची कल हुई तो वह अपने बच्चे को साथ पूरी तरह से न्याय नही कर पाएंगी।
फिर उन्होंने तय किया कि वह बच्ची के जन्म से पहले, वह अपना साइकोलॉजी का ऑनलाइन एग्जाम देगी। इसके लिए मिडिल जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें विशेष इजाजत दे दी और फिर एक और इतिहास बना। प्रसव की तकलीफ बर्दाश्त करते हुए कॉलिन्स लैपटॉप पर अपनी परिक्षा देने लगी।
हालाकिं परिक्षा का समय दो घंटे का था लेकिन कॉलिन्स ने इसे महज डेढ़ घंटे में खत्म कर दिया। परीक्षा खत्म करने के कुछेक वक्त बाद ही नतीजा सामने था। और वह यह था कि उन्होंने एक प्यारी सी बच्ची एलिस जन्म दिया। हालांकि, लॉ एनफोर्समेंट में ग्रेजुएट होने में कॉलिन्स को अभी एक साल और लगेगा।
लेकिन एक मां के तौर पर वह ग्रेजुएट हो चुकी है। यह कॉलिन्स के मातृत्व को भगवान की तरफ से च्एज् ग्रेड था। हालांकि, सायकोलॉजी में ‘बी’ ग्रेड ही मिल पाया। उस बारे में कॉलिन्स कहती है, ‘मेरे लिए वह पल बेहद अहम थे। मैं चाहती तो एग्जाम को बाद में दे सकती थी। लेकिन तब मुझे बच्ची के वक्त से कुछ कटौती करनी पड़ती। जो मैं बिल्कुल नहीं चाहती थी’।