20 हजार मासूम बच्चों की मौत के गवाह रहे गोरखपुर में एक अस्पताल की तस्वीर बदल रहा यह आईएएस
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर के जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब रोजाना साफ-सुथरी चादरें मिलती हैं। अस्पताल के बाहर के हिस्से को हरा भरा बनाने के लिए जिला योजना से धन अवमुक्त कराया जा रहा है। अब मरीजों को डाक्टर अस्पताल के बाहर की दवा नहीं लिखते न ही अस्पताल छोड़कर डाक्टर आपको प्रैक्टिस करते नजर आयेंगे। गौरतलब है कि इन्सेफेलाईटिस से त्राहि त्राहि कर रहे गोरखपुर में मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में इन्सेफेलाईटिस से 43 मासूमों की मौत हुई है वहीँ 1978 में जब इस रोग का पहला मामला सामने आया था तबसे इस रोग से अब तक लगभग 20 हजार बच्चों की मौत हो चुकी है। गोरखपुर के जिला अस्पताल में बदलाब का यह करिश्मा कर दिखाया है इलाहाबाद में पढ़े लिखे 2002 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव रौतेला ने। जिलाधिकारी के आदेश पर अब मरीजों को दिन के हिसाब से अलग अलग रंग की चादरें उपलब्ध कराई जा रही है है। सोमवार को हरा, मंगलवार को लाल, बुधवार को बैगनी, गुरुवार को गुलाबी, शुक्रवार को स्लेटी, शनिवार को पीली और रविवार को नीली रंग की चादर मरीजों के बिस्तर पर बिछाई जा रही है। बताया गया कि यह योजना पुरानी थी लेकिन धनाभाव के कारण इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका था। लेकिन नए जिलाधिकारी ने इसे तत्काल शुरू करने के आदेश दिए।
आदर्श चिकित्सालय बनेगा गोरखपुर का जिला अस्पताल गोरखपुर के जिलाधिकारी का आदेश है कि अगर किसी भी दिन किसी मरीज के बिस्तर पर रंग के हिसाब से चादरें नहीं बिछाई गई तो कड़ी कारवाई की जायेगी। इन्सेफेलाइटिस से त्राहि त्राहि कर रहे गोरखपुर में जिला अस्पताल में बदले इस नए रंग ढंग से मरीज भी बेहद खुश है और उनके परिजन भी।यह वही अस्पताल है जहाँ पहले हाल यह था कि मरीजों के बिस्तर की चाड़तें कई कई दिनों पर बदली जाती थी और चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य था। इस व्यवस्था से अगर चादरें दूसरे दिन नहीं बदली गईं तो रंग के हिसाब से पकड़ में आ जाएंगी। इसके अलावा अस्पताल में बाग़ बगीचे लगाने का भी प्रस्ताव है जिलाधिकारी का कहना था कि हम गोरखपुर के जिला चिकित्सालय को आदर्श चिकित्सालय में तब्दील करने जा रहे हैं यह शेष जिलों के लिए मानक चिकित्सालय होगा।
डाक्टरों को भी किया गया समय का पाबन्द योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद जब अपने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को गोरखपुर भेजा था तो सिद्धार्थ नाथ यहाँ की दुर्व्यवस्था को देखकर बेहद नाराज हुए थे। लेकिन नए जिलाधिकारी राजीव रौतेला के आने के बाद से ही जिला चिकत्सालय के हालत बदल गए। गौरतलब है कि इस अस्पताल में पिछले माह तक यह हाल था कि जिला अस्पताल में कई दिनों से एक्स-रे और सिटी स्कैन की फिल्म खत्म थी,डाक्टर भी समय से अस्पताल में उपस्थित नहीं रहा करते थे। अब चिकित्सकों को कहा गया है कि वो हर हाल में आठ बजे अस्पताल में उपस्थित हो, साथ ही चिकित्सा से जुड़े सभी संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है । जिलाधिकारी का कहना था कि चिकित्सकों की ससमय उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।