पहली ऑनलाइन समलैंगिक पत्रिका पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने लाइसेंस नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर प्रतिबंध लगाया है।
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अम्मान। जॉर्डन सरकार ने देश की पहली ऑनलाइन समलैंगिक पत्रिका पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने लाइसेंस नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर प्रतिबंध लगाया है। जॉर्डन मीडिया आयोग के महानिदेशक मोहम्मद ओतिशात ने सोमवार को कहा कि पत्रिका को लाइसेंस नहीं दिया गया, जो प्रेस एवं प्रकाशन कानून की धारा 49 का उल्लंघन है। ओतिशात ने कहा कि पत्रिका के संपादकों को समलैंगिक समुदाय से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
पत्रिका पर बैन गलत
संपादकों का कहना है कि उन्होंने समलैंगिक मामलों से संबद्ध पत्रिका को लाइसेंस दिया था, जो पूरी तरह से गलत साबित हुआ। हालांकि, अभी तक पत्रिका के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
इससे पहले इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन (आईएलजीए) ने एक रिपोर्ट जारी किया था। जिसके मुताबिक दुनिया के 72 देशों और क्षेत्रों में समलैंगिक संबंध अभी भी अपराध की श्रेणी में हैं। इनमें से 45 देशों में महिलाओं के बीच के यौन संबंधों को गैर कानूनी करार दिया गया है।
इनमें आठ देश ईरान, सूडान, सऊदी अरब, यमन, सोमालिया, नाइजीरिया, इराक और सीरिया में समलैंगिकता की सजा मौत है। इसके अलावा दर्जनों अन्य देश हैं जहां समलैंगिक गतिविधियों पर जेल की सजा हो सकती है।
71 देशों में जेल की सजा
इस रिपोर्ट के मुताबिक समलैंगिकता को लेकर दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया का सबसे कठोर दृष्टिकोण है, जबकि पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी गोलार्ध इसे लेकर सबसे सहिष्णु हैं। समान लिंग संबंधों को अभी भी 71 देशों में ‘प्रकृति के खिलाफ’ माना जाता है और वहां कानून के तहत जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही 120 से ज्यादा देशों ने समलैंगिगकता को अपराध की श्रेणी से मुक्त कर दिया है।