प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को देश के आतंकवाद निरोधक इकाई के प्रमुख के तौर पर साल 2003-06 में आतंकवादी संगठन अलकायदा के ठिकाने पर बम बमबारी करने के लिए जाना जाता है।
नई दिल्ली। कुछ समय पहले प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बारे में शायद कुछ ही लोगों को जानकारी होगी। लेकिन 2015 में जब उनके पिता सउदी अरब के राजा बने, तब प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का नाम भी सुर्खियों में आने लगा। आज सलमान दुनिया के अग्रणी तेल निर्यातक देश के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। अब सलमान को उनके चचेरे भाई मोहम्मद बिन नईफ के स्थान पर क्राउन प्रिंस बनाया गया है।
पिता के विशेष सलाहकार बनने से हुई शुरुआत
दरअसल, सलमान का जन्म 31 अगस्त 1985 को हुआ था। सलमान तत्कालीन प्रिंस सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊदी की तीसरी पत्नी फहदाह बिन फलह बिन सुल्तान के सबसे बड़े बेटे हैं। सलमान ने राजधानी रियाद के किंग सउद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई के बाद कई सरकारी संस्थाओं में सेवाएं दीं। 2009 में वह अपने पिता और रियाद के तत्कालीन गर्वनर के विशेष सलाहकार बनाए गए। 2013 में उन्हें क्राउन प्रिंस कोर्ट का प्रमुख चुना गया। 2015 में किंग अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज की मृत्यु हो जाने के बाद सलमान किंग बने। किंग बनने के बाद उन्होंने अपने बेटे को रक्षा मंत्री और सऊदी किंगडम के संस्थापक इब्न सउद के पोते मोहम्मद बिन नायेफ को डिप्टी क्राउन प्रिंस बना दिया।
यमन सैन्य हस्तक्षेप
रक्षा मंत्री के रूप में मोहम्मद बिन सलमान ने पहला कदम यमन में सैन्य हस्तक्षेप के रूप में उठाया। हालांकि, इस सैन्य हस्तक्षेप से कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इस कार्रवाई से उन पर मानवाधिकार उल्लघंन के आरोप भी लगे। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को देश के आतंकवाद निरोधक इकाई के प्रमुख के तौर पर साल 2003-06 के दौरान आतंकवादी संगठन अलकायदा के ठिकाने पर बम बरसाकर उसे कमजोर करने के लिए जाना जाता है। अल अरबिया टेलीविजन ने इस नियुक्ति की पुष्टि करते हुए कहा कि शाहजादे को नियुक्त करने का फैसला राज्य की सत्तारूढ़ परिषद ने किया है।
विजन 2030 को आगे बढ़ाया
प्रिंस ने विजन 2030 के अंतर्गत तेल पर निर्भर राज्य में सामाजिक और आर्थिक बदलाव का दौर शुरू किया और बहुत सारे नए फैसले लिए। इस कड़ी में उन्होंने देश की उदार सब्सिडी व्यवस्था को कम किया और और सरकारी तेल कंपनी सउदी अराम्को के निजीकरण का प्रस्ताव तैयार किया। मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले दिनों बीजिंग, मॉस्को और वॉशिंगटन आदि देशों में किंग सलमान का प्रतिनिधित्व किया।