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कब्र में ज़िंदगी बिताने को मजबूर यहां के लोग, जानवरों जैसे हैं हालात

Published: Dec 30, 2016 03:52:00 pm

Submitted by:

राहुल

इन फोटोज के वायरल होने से पहले ही ईरान सरकार पूरी
दुनिया के निशाने पर रही है। ईरान के फारसी दैनिक अखबार की रिपोर्ट के
मुताबिक लगभग पचास पुरुष, महिलाएं और बच्चे कब्र में रहने को मजबूर हैं..

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poor people living in graveyard from 10 years in iran

तेहरान। कभी कभी हमें ऐसा सुनने में आता है जिससे लगता है कि दुनिया में इंसानियत अभी ज़िंदा है। लेकिन कभी कुछ ऐसा हो जाता है कि लगता है जैसे ख़त्म होती इंसानियत अब वैशाखियों पर आ गई है। जिसका अस्तित्व ही ख़त्म होने वाला है।

ऐसी ही खत्म होती इंसानियत का नमूना है ईरान, जहाँ कई लोग ऐसे हैं जो नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। इसका अंदाजा इन कब्रनुमा गड्ढों रहे होगों को देख कर हो जाएगा। कहने को तो ईरान एक विकासशील देश है, लेकिन वहां की कब्रों में जिंदा लोगों को देखकर विकासशील होने के दावे खोखले ही नजर आ रहे हैं।

Photographer Captured Pathetic Life Of People In Iran
ईरान के तेहरान से 12 मील दूर शहरियार से फोटोग्राफर सईद घोलमहासिनी ने ये फोटोज सोशल मीडिया पर अपलोड की है।

कब्रिस्तान में रह रहे इन बेघरों की तस्वीरों ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी को भी हैरत में डाल दिया है। इन फोटोज के वायरल होने से पहले ही ईरान सरकार पूरी दुनिया के निशाने पर रही है। ईरान के फारसी दैनिक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग पचास पुरुष, महिलाएं और बच्चे कब्र में रहने को मजबूर हैं। गौरतलब है कि ईरान में बेरोजगारी का स्तर बहुत अधिक है और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ईरानी मुद्रा में भारी गिरावट आई है।

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कब्रिस्तान में रहने वाले कुछ लोग तो यहां 10 साल से में रह रहे हैं।इन फोटोज के छपने के बाद ऑस्कर-विजेता असगर फरहदी ने सरकार से उनकी जरूरतों को पूरा करने का निवेदन किया है और राष्ट्रपति के नाम एक खुला खत भी लिखा है।

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एक अरेबियन वेबपोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार एक तरफ ये लोग गंभीर ठंड से बचने के लिए ये लोग कब्र में समय बिताने के लिए मजबूर हैं, लेकिन उन्हें दूसरी ओर ईरानी पुलिस की बर्बरता का भी सामना है जो उन्हें कब्र में भी नहीं रहने देती।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरानी कब्रिस्तान में में जीवित नागरिकों की मौजूदगी से तेहरान सार्वजनिक क्षेत्रों में मायूसी पाई जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कब्र में रहने वाले लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनके पास रहने को कोई जगह नहीं।
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