रियाद. सऊदी अरब लगातार दूसरे वर्ष 150 लोगों को फांसी देने वाला पहला देश बनने जा रहा है। इस साल 150 को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें से कुछ को फांसी दी जा चुकी है तो कुछ को दी जानी बाकी है। बीते साल 158 को सजा दी गई थी। वर्ष 2014 में 87 को मौत की सजा दी गई थी। यह भी बता दें कि सउदी अपने शाहजादे को भी मौत की सजा दे चुका है।
खाड़ी देशों में ज्यादा दी जा रही फांसी
मानवाधिकार संगठन रिप्रिव ने इस संबंध में रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, इस मुल्क के प्रमुख गुप्त अदालत के जरिये दोषियों को सजा दे देते हैं। इनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती। ऐसी अदालतों में ज्यादातर सजा ड्रग व मानव तस्करों से लेकर राजनीतिक हत्या करने वाले दोषियों को दी जाती है। बता दें कि सऊदी की तरह अन्य खाड़ी देश भी न्यायिक तरीके से फांसी की सजा देते हैं।
दो तिहाई देशों ने फांसी की सजा हटाई
खाड़ी देशों में जहां फांसी की सजा ज्यादा दी जा रही है तो वहीं दुनियाभर में दो तिहाई देश कानूनन इसे रद्द करने की प्रक्रिया में हैं। यूएस के 18 राज्य ने इसे समाप्त कर दिया है। इनके अलावा सात ऐसे राज्य हैं जिन्होंने बीते दस सालों में किसी को भी मौत की सजा नहीं सुनाई या दी। एशिया के अन्य मुल्कों में भी इसे समाप्त करने पर बहस छिड़ी हुई है। गौरतलब है कि साल 2015 में दुनियाभर में 1634 लोगों को फांसी दी गई थी। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, इस संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ था। वर्ष 1989 के बाद यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।
राजकुमार को दी फांसी
सऊदी ने इसी वर्ष हत्या के जुर्म में शाही खानदान के एक शहजादे को मौत की सजा दी थी। यह एक दुर्लभ घटना रही जिसमें हाउस ऑफ सऊद के हजारों सदस्यों में से किसी एक को मौत की सजा दी गई है। इस शहजादे का नाम प्रिंस तुर्की बिन सऊद अल-कबीर था। अल-कबीर पर सऊदी नागरिक आदिल अल-मोहम्मद की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था।