सूत्रों ने आगे बताया कि दोनों भारतीय केरल के कोच्चि जिले के रहने वाले हैं और यूएई मे उपमहाद्वीप के रहने वाले 10 लोगों के समूह का हिस्सा थे जिन्होंने सोशल मीडिया में आईएस के समर्थन में विषयों को शेयर करते थे।
यूएई की इंटेलीजेंस सेवा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि आईएस की विचारधारा से प्रभावित होने के कारण हमने दोनों भारतीयों के फेसबुक अकाउंट पर नजर रखनी शुरू की थी। इसलिए हमने इन्हें समूह में डिपोर्ट किया है। अधिकारी ने बताया कि केरल के रहने वाले इन दोनों व्यक्तियों को 29 अगस्त को वापस भारत भेज दिया था।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि इराक या सीरिया जाकर आईएस मे शामिल होने के लिए इन लोगों में से किसी ने भी यूएई से बाहर यात्रा नहीं की। सूत्रों ने आगे बताया कि दिन युवकों को भारत वापस भेजा गया है, उनसे इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने भी पूछताछ की। पूछताछ के बाद हालांकि इनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
दोनों को काउंसलिंग के बाद घर जाने की इजाजत दे दी गई। दोनों के नामों को जाहिर नहीं किया गया है। गौरतलब है कि आईएस के बढ़ते खतरे को लेकर एक अगस्त को 12 राज्यों के पुलिस प्रमुखों और गृह सचिवों की बैठक हुई थी। केंद्रीय गृह सचिव ने अधिकारियों से कहा था कि वे ऎसे उपायों को ढूंढे जिससे युवक आतंकी संगठन के प्रभाव में नहीं आएं।