स्कूलों में बच्चों के प्रवेश दर में गिरावट क्यों!
सरकारी शालाओं
में बच्चों के प्रवेश में इतनी गिरावट क्यों आ रही है। यह सवाल जिला पंचायत सीईओ ने
डीईओ
गुना।सरकारी शालाओं में बच्चों के प्रवेश में इतनी गिरावट क्यों आ रही है। यह सवाल जिला पंचायत सीईओ ने डीईओ व डीपीसी के साथ शिक्षा से जुड़े जिम्मेदारों से किया। इसके साथ ही शालाओं का दोबारा भौतिक सत्यापन कर सर्वे रिपोर्ट तलब की है।
दरअसल, शुक्रवार को जिला पंचायत सीईओ कैलाश वानखेड़े ने मध्यान्ह भोजन एवं स्कूल चलें हम अभियान की समीक्षा की। इसमें डीईओ व डीपीसी के अलावा बीईओ, बीआरसी, सीएसी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने जिले की शासकीय शालाओं में बच्चों के प्रवेश में गिरावट पर जमकर नाराजगी जताई।
साथ ही उन्होंने मध्यान्ह भोजन की व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की, जिस पर निर्देश दिए गए कि प्रत्येक शाला में नियमित मीनू के अनुसार बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। यदि मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी पाई गई, तो शाला प्रमुख व समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शालावार की समीक्षा
स्कूल चलें हम कार्यक्रम की शालावार समीक्षा के दौरान वानखेड़े ने गणवेश वितरण, साईकिल वितरण, निशुल्क पाठयपुस्तक वितरण, कक्षावार नामांकन की स्थिति, शाला त्यागी बच्चों की सूची एवं पोर्टल पर दर्ज करने की जानकारी भी शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों से ली। इसके अलावा आरटीई के तहत वर्तमान सत्र में प्रवेशित बच्चों की जानकारी भी तलब की।
चयनित शाला की सूची भेजें
समीक्षा के दौरान सीईओ वानखेड़े ने शासकीय शालाओं में महीनेवार नियत क्षेत्र के पठन-पाठन पर भी चर्चा की। साथ ही कहा कि प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र पर एक-एक प्राथमिक व माध्यमिक माडल शाला खोलने के लिए चयनित शाला की सूची प्रदाय की जाए। इस दौरान जनशिक्षा केंद्र के तहत 10 प्रतिशत निर्माणाधीन व निर्मित शौचालयों की भी समीक्षा की गई।