जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि है कि जब भारत-पाकिस्तान एक दूसरे के यहां खेल तक आयोजित नहीं कर सकते तो द्विपक्षीय विवादास्पद मुद्दों को कैसे हल करेंगे?
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि है कि जब भारत-पाकिस्तान एक दूसरे के यहां खेल तक आयोजित नहीं कर सकते तो द्विपक्षीय विवादास्पद मुद्दों को कैसे हल करेंगे?
अब्दुल्ला ने डोडा जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए इस बात पर अफसोस जताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच अविश्वास इस कदर बढ़ गया है कि वे एक दूसरे के यहां खेल तक आयोजित करने के लिए तैयार न होकर तीसरे देश श्रीलंका में क्रिकेट सीरिज का आयोजन कर रहे हैं।
ऐसे में दोनों देश गंभीर एवं विवादास्पद मुद्दों को कैसे हल करेंगे? भारत पाकिस्तान के बीच विवादास्पद मुद्दों को हल करने की जरूरत बतातेे हुए उन्होने कहा कि दोनों के बीच यथास्थिति ज्यादा दिनों तक ठीक नहीं है।
ऐसी स्थिति से लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति लोगों की कुंठा बढ़ेगी, इसके साथ ही राज्य में शांति बहाल होने से जो फायदे हुए थे उसे भी नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच टकराव और संघर्ष के कारण राज्य में बेशकीमती जानें जा रही हैं।
पीडीपी पर तंज कसते हुए उन्होने कहा कि उसने ‘गोली से नहीं बोली से बनेगी बात’ के अपने वादे को छोड़ दिया और कश्मीर मसले पर अलगाववादियों से बातचीत करने की बजाय टकराव का रास्ता अपना लिया है।
अब्दुल्ला ने कहा ‘मुफ्ती साहब की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए सैंकडों लोगों को हिरासत में लिया और इसकदर धरपकड़ की गई कि सामान्य जनजीवन बाधित हो गया।
उन्होंने कहा कि पीडीपी-भाजपा सरकार जनता की राजनीतिक आकांक्षाओं और मूलभूत विकास की जरूरतों को पूरा करने में नाकाम रही है।