scriptकुपोषण से हार रही ज़िंदगियाँ: शिवपुरी में 21 दिन में कुपोषण से 11 बच्चों की मौत | 21 day 11 children die from malnutrition in Shivpuri | Patrika News

कुपोषण से हार रही ज़िंदगियाँ: शिवपुरी में 21 दिन में कुपोषण से 11 बच्चों की मौत

locationग्वालियरPublished: Sep 26, 2016 08:33:00 am

Submitted by:

rishi jaiswal

श्योपुर जिले में कुपोषण से हुई बच्चों की मौत के खुलासे के बाद शिवपुरी जिला अस्पताल में इलाज के दौरान बीते 21 दिनों में कुपोषण से ग्रस्त 11 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है।

malnutrition

malnutrition

ग्वालियर/ शिवपुरी। श्योपुर जिले में कुपोषण से हुई बच्चों की मौत के खुलासे के बाद शिवपुरी जिला अस्पताल में इलाज के दौरान बीते 21 दिनों में कुपोषण से ग्रस्त 11 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि अधिकारियों ने बच्चों की मौत का कारण निमोनिया या फिर हार्टअटैक होना बताने का प्रयास किया है।


प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. निसार अहमद का कहना है कि यह बात सही है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले 99 प्रतिशत आदिवासी और सीवियर निमोनिया के बच्चे कुपोषण की किसी न किसी स्टेज में होते हैं, परंतु मौत का कारण कोई न कोई बीमारी या बीमारी के कारण हार्टफेल होना होता है।


इस कारण मौत का कारण बीमारी ही लिखा जाता है। सच्चाई यह है कि कुपोषण के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है, इस कारण उन्हें कई बीमारियां घेर लेती हैं और दवाएं उन पर असर नहीं कर पातीं।

शिवपुरी जिले में इन बच्चों की हुई मौत 
पिछले 21 दिन में इलाज के दौरान जिला अस्पताल में जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें कृष्णा (7) पुत्र राजाराम कोली, ज्योति (3) पुत्री कृपाल आदिवासी निवासी खिरकिट, अमर (3) पुत्र जसवीर आदिवासी निवासी कोटा, साहिल ( डेढ़ माह) पुत्र बृजलाल आदिवासी निवासी टीला कोलारस, भुल्ला पुत्र जालिम सिंह आदिवासी निवासी आसपुर, कपिल पुत्र कल्याण आदिवासी गंगौरा, ऋषभ (18 माह) पुत्र बादाम जाटव निवासी छत्री रोड, सुखवती (35 दिन) पुत्री फूलसिंह आदिवासी, सोनिया (3 माह) पुत्री प्रमोद आदिवासी निवासी पचावली, संजीव पुत्र मोहदन सिंह आदिवासी निवासी पोहरी, सुखी पुत्री छोटा राठौर निवासी शिवपुरी शामिल हैं।

कांग्रेस ने फिर किया तीन की मौत का दावा
विजयपुर के कांग्रेसी विधायक रामनिवास रावत ने रविवार को तीन बच्चों की मौत का दावा किया है। तीन गांव के भ्रमण के दौरान उन्हें तीन कुपोषित बच्चों की मौत और काफी संख्या में अतिकुपोषित बच्चे भी मिले। वहीं खुर्रका सहराना की सोनम पुत्री अशोक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि वह अतिकुपोषित है और नाजुक स्थिति में है, जिसे तत्काल उपचार की दरकार है, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग का अमला उस तक नहीं पहुंच सका है। 

इसके साथ ही बकील पुत्र पीरू आदिवासी, आकाश पुत्र भरत 3 वर्ष, अजय पुत्र वीरबल 3 वर्ष को भी अतिकुपोषित बताया है, जबकि खुर्रका सहराना की रोशनी पुत्री रघुवीर आदिवासी 4 वर्ष, पूनम पुत्री विनोद 4 माह-वीरमपुर सहराना गसवानी ग्राम पंचायत और पप्पू आदिवासी सहसराम की मौत कुपोषण से होने का दावा भी किया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो