अमृतमीणा ने रामशरणसिंह को निजी स्तर पर 50 हजार रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई तो जिलाधीश इलैयाराजा ने रामशरण की दिव्यांग पुत्रियों की बीमारी के इलाज के लिए रेडक्रॉस सोसायटी से तत्काल 50 हजार रुपए दे दिए।
ग्वालियर/भिण्ड। सरकार के अन्त्योदय उत्थान के नारे को बुधवार को सैकड़ों लोगों ने जिला मुख्यालय से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर बसे बबेड़ी पंचायत के ग्राम मुकुटसिंह का पुरा में उस समय हकीकत में साकार होते देखा, जब एक छप्परनुमा खण्ड हर घर में बेबसी की जिंदगी गुजार रहे जन्मांध रामशरणसिंह चौहान के दरवाजे पर कलेक्टर इलैयाराजा टी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा उसके पक् के मकान का शिलान्यास करने पहुंचे गए।
अमृतमीणा ने रामशरणसिंह को निजी स्तर पर 50 हजार रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई तो जिलाधीश इलैयाराजा ने रामशरण की दिव्यांग पुत्रियों की बीमारी के इलाज के लिए रेडक्रॉस सोसायटी से तत्काल 50 हजार रुपए दे दिए।
” मुंहबोली जन्मांध बहन सरस्वती द्रवित नेत्रों से भाई बने एएसपी अमृत मीणा को मिठाई खिलाती हुई”
रामशरणसिंह की दिव्यांग धर्मपत्नी सरस्वतीदेवी ने इस मौके पर धर्मभाई बने एएसपी अमृत मीणा को तिलक करके अपने हाथ से मिठाई खिलाई तो मीणा के साथ उपस्थित ग्रामीणजनों के नेत्र द्रवित हो उठे। मीणा ने सरस्वतीदेवी से कहा कि उन्होंने उन्हें बहन बनाया है तो इस रिश्ते को आजीवन निभाएंगे।
उन्होंने सरस्वती को रक्षाबंधन पर राखी भेजने और बेटियों की शादियों का आमंत्रण पत्र देने को कहा तथा उन्हें भरोसा दिलाया कि वे कहीं भी रहेंगे पर बेटियों की शादी में अवश्य आएंगे। रामशरणसिंह व सरस्वती देवी ने कलेक्टर इलैयाराजा को भी तिलक किया व मिठाई खिलाई। कलेक्टर ने गांव के सरपंच नीतूसिंह राजावत को भवन निर्माण गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराने के ग्राम पंचायत के सरपंच को निर्देश दिए। यहां बतादें कि रामशरणसिंह, उनकी पत्नी सरस्वती देवी तथा चार किशोरवय पुत्रियां सभी नेत्रहीन हैं तथा गरीबी में जीवन यापन कर रही हैं। इस परिवार की व्यथा सर्वप्रथम पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद गत दिवस एएसपी मीणा ने रामशरणसिंह की पत्नी सरस्वती देवी को बहन मानते हुए उनके लिए पक्का मकान बनवाने की घोषणा की थी।
नवजीवन सहायतार्थ संगठन हर माह कराएगा मुफ्त राशन सामग्री
इस मौके पर मुकुटसिंह का पुरा पहुंचे नवजीवन सहायतार्थ संगठन की नीतेश जैन, अमित जैन, राजकुमारी जैन, नमृता जैन, कैलाश जैन, राहुल, जयदीपसिंह, मनीष ऋषीश्वर, सुशील यादव तथा अरुण शुक्ला आदि ने रामशरणसिंह चौहान के परिवार को महीनेभर की आटा,चावल, दाल, तेल, मसाले, शकर आदि सामग्री उपलब्ध कराई और घोषणा की कि संगठन रामशरणसिंह को हरमाह एक साल तक यह सामग्री उपलब्ध कराता रहेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फूप के चिकित्साधिकारी एवं समाजसेवी डॉ डीके शर्मा ने रामशरणसिंह के परिवार के इलाज का भार वहन करने का संकल्प लिया है।
पत्रिका की पहल रंग लाई
पत्रिका द्वारा इस परिवार की व्यथा को 28 मार्च 2012 को ईश्वर ने किया अजीब मजाक, अब मदद को मोहताज एवं 27 अक्टूबर 2016 को, नेत्रहीन भाई के परिवार के लिए बहिन ने न्यौछावर कर दीं जिंदगी की खुशियां, शीर्षक से पहले पेज पर प्रमुखता से प्रकाशित किया था। तदुपरांत कई सामाजिक संगठन मदद के लिए आगे आए, इसके अलावा लोगों ने व्यक्तिगत रूप से भी सहायता का सिलसिला शुरू हो गया है जो अनवरत जारी है।