पुलिस के मुताबिक मंगलवार रात 9 बजे एक्टिवा सवार तीन सिरफिरों ने पचौरी भवन के सामने श्याम (50) पुत्र ग्यासी झा के पेट में चाकू घोंपा। इससे श्याम की आतें बाहर आ गईं। यहां से 50 मीटर दूर पहुंचकर तीनों ने आकाश (22) पुत्र पप्पन छिलवार के पेट में चाकू घोंप दिया। लगातार चाकूबाजी से इलाके में सनसनी मच गई।
लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि किसने और क्यों चाकू मारे हैं। दूसरी ओर, कमानी पुल पर बीकॉम छात्र विष्णु (20) पुत्र रामदीन निवासी सातभाई की गोठ की पीठ में चाकू मारकर तीनों समाधिया कॉलोनी में घुस गए। कॉलोनी में तुलसी मैरिज गार्डन के सामने राधे (22) पुत्र सुंदरलाल के को चाकू मार दिया। 20 मिनट में चार वारदात से पुलिस सकते में आ गई। इस बीच पहुंची पुलिस को घायल विष्णु ने बताया कि उसे शुभम, ललित और सागर ने चाकू मारे हैं। पुलिस तीनों संदिग्धों को राउंडअप कर पूछताछ कर रही है। वहीं देररात तक पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर कुछ और नशेडिय़ों को पकड़ लिया है।
दो जख्मी आईसीयू में
घायल श्याम झा और राधे को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उधर पुलिस शुभम और ललित को लेकर रात 12.30 चाकूबाजी का रूट ट्रेस करने पहुंच गई।
यहां रहती पुलिस की चेकिंग
शाम होते ही चेकिंग प्वाइंट्स पर पुलिस तीन सवारी और बिना हेलमेट चालकों की तलाश में खड़ी होती है। लेकिन मंगलवार रात एक्टिवा सवार तीन हमलावारों को पुलिस कहीं नहीं पकड़ पाई। इस रूट पर जीवाजीगंज और हनुमान चौराहे पुलिसचौकी पर पर चेकिंग प्वाइंट है। समाधिया कॉलोनी गेट से पहले पुलिस चौकी है। पुलिस इस इलाके में पेट्रोलिंग का दावा करती है।
मोमोज खाते दिखे तो भिड़ गया
” मैं रात 9.15 बजे फोटो कॉपी कराने जा रहा था। सात भाई की गोठ के बाहर निकला कि मेरी पीठ में चाकू घोंप दिया। तब अहसास नहीं हुआ। शर्ट लाल हो गई तो लगा बाजू से निकले एक्टिवा वाले सॉस फेंक गए हैं। मैं फोटो कॉपी करा लाया। लौटते समय तीनों हमलावार मुझे ठेले पर मोमोस खाते दिखे तो उनसे पूछा सॉस क्यों फेंका। उनमें से एक शुभम को मैंने पहचान लिया तो गुस्से में चाटा भी मारा लेकिन तीनों धक्का देकर भाग गए। पीठ में तेज दर्द हुआ तब पता चला चाकू का घाव है।”
विष्णु राठौर, हमले में घायल
पिता की दवा लेने जा रहा था चाकू मार दिया
“पापा बीमार हैं। उनकी दवा लेने गया था। गेंडेवाली सड़क पर चाचा की दुकान से घर जा रहा था तभी तीन लोग एक्टिवा से आए और पेट में चाकू घोंप दिया। मेरी समझ में नहीं आया कि मुझे क्यों मारा। मैं चिल्लाया तो लोग पहुंचे लेकिन गुंडे चाकू लहराते हुए जीवाजीगंज की तरफ भाग गए।”
– आकाश छिलवार, हमले में घायल