शहर में बच्चियों को अगवा कर उन्हें देह व्यापार में लगाने वाले गैंग की करतूतों को सुनेंगे तो आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे। देह कारोबारी अगवा बच्चियों को कुछ दिन तो अपने बच्चों के साथ रखते थे। देहव्यापार में जल्द उतारने के लिए हार्मोन्स के इंजेक्शन देते थे।
ग्वालियर । शहर में बच्चियों को अगवा कर उन्हें देह व्यापार में लगाने वाले गैंग की करतूतों को सुनेंगे तो आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे। देह कारोबारी अगवा बच्चियों को कुछ दिन तो अपने बच्चों के साथ रखते थे। जब ये बच्चियां परिवार में घुल-मिल जातीं तो उन्हें देहव्यापार में जल्द उतारने के लिए हार्मोन्स के इंजेक्शन देते थे। हालांकि पुलिस इससे इंकार कर रही है।
पुलिस का कहना है, लक्ष्मी इस धंधे के बारे में मुंह नहीं खोल रही हैं, लेकिन गिरोह के दूसरे सदस्यों ने खुलासा किया कि युवतियों की सौदेबाजी में रिस्क ज्यादा था, क्योंकि पकड़े जाने पर युवतियां गिरोह का भंडाफोड़ कर सकती थीं, इसलिए बच्चियों को टारगेट किया। देह कारोबारी भी मासूम बच्चियों की डिमांड ज्यादा करते हैं, क्योंकि कुछ बरस उन्हें पालने के बाद वह अपने असली माता-पिता को भूल जाती हैं।
पुलिस पहुंची तो कमरे में बंद मिली बच्ची, दबिश लीक
गिजौर्रा में राममिलन कंजर के घर दबिश देने पर एक बच्ची बरामद की गई। इस बच्ची को राममिलन और उसकी पत्नी ने कमरे में बंद कर रखा था, जहां से बच्ची और राममिलन को पुलिस उठा लाई। राममिलन ने खुलासा किया कि चोरी की गई बच्चियों को उसने बदनापुरा में रिश्तेदारों को बेचा है, लेकिन पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही बदनापुरा में दबिश की खबर पहुंच गई। सूत्रों का कहना है जल्दबाजी में पुलिस राममिलन के पत्नी को छोड़ आई थी। उसने बदनापुरा में रिश्तेदार को फोन कर अलर्ट कर दिया, जिससे बच्चियों के सौदागर फरार हो गए।
केस -1
कंपू निवासी फिरोज खां की पुत्री नेहा (4) को लक्ष्मी ने 29 नंवबर को अचलेश्वर मंदिर से चोरी किया था। उसे गिरोह के चंगुल से छुड़ाकर सोमवार शाम माता-पिता को पहचान के लिए बुलाया तो मासूम नेहा मां सीमा और दादी को देखते ही लिपट गई। दादी और मां भी उसे देखकर फूट-फूट कर रो पड़ीं। नेहा को गिरोह ने बाड़ी (राजस्थान) में बेचा था। नेहा की दादी और मां का कहना था, बेटी की वापसी से घर की खुशियां लौंट आई हैं। उन्हें उम्मीद थी बेटी एक दिन जरूर लौटेगी। पुलिस और टेंपो चालक हरिमोहन की वजह से उनकी खुशियां लौटी हैं।
केस -2
रेलवे स्टेशन से 3 नवंबर को गिरवाई निवासी मजदूर किशोर माहौर की 6 साल की बेटी रोशनी को गैंग ने धौलपुर में बेचा था। पिता को बुलाकर रोशनी की पहचान कराई तो बच्ची पिता को देखते ही दौड़ लगाकर उनकी गोदी में चढ़ गई। बेटी को सामने देख किशोर की भी खुशी से आंखें भर आईं।
पांच दिन की रिमांड
बच्चा चोर लक्ष्मी को इंट्रोगेट करने पर उसने मासूमों को जिस्मफरोशी के लिए बेचने के धंधे का खुलासा किया। सोमवार को लक्ष्मी को अदालत में पेश कर पांच दिन की और रिमांड पर लिया गया है।
एेसे बना गिरोह
पुलिस के मुताबिक, पति की मौत के बाद लक्ष्मी का रामनाथ बघेले से इश्क चला। दोनों काम की तलाश में ग्वालियर में एक साथ रहे। रामनाथ की दोस्ती देह कारोबारी राममिलन कंजर से थी, उसके जरिए मासूम बच्चियों को अगवा कर बेचने का धंधा जमाया।
पहचान की कोशिश
“अगवा बच्चियों में दो की पहचान हो गई है, शेष बच्चियों की पहचान की कोशिश जारी है। लापता बच्चियों के माता-पिता को बुलाया गया है। मासूमों को खरीदने वालों को भी पकड़ा जा रहा है।”
डीबीएस भदौरिया, सीएसपी