scriptओवर लोड वाहनों पर हाईकोर्ट के प्रश्न का शासन नहीं दे पाया कोई जवाब | high Court ruled on the question of over-load vehicles | Patrika News

ओवर लोड वाहनों पर हाईकोर्ट के प्रश्न का शासन नहीं दे पाया कोई जवाब

locationग्वालियरPublished: Mar 18, 2016 11:25:00 am

Submitted by:

rishi jaiswal

उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह में ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई कर प्रतिपालन रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। 

high court

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ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ओवर लोड वाहनों के मामले में कलेक्टर, एसपी एवं आरटीओ मुरैना व ग्वालियर की प्रतिपालन रिपोर्ट को खारिज कर दिया। अदालत ने पूछा, अब तक कितने ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई की गई? इस पर शासन और केन्द्र से कोई जवाब नहीं मिला। जवाब में एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताई गई। इस पर न्यायमूर्ति रविशंकर झा एवं न्यायमूर्ति एमके मुदगल की युगलपीठ ने चार सप्ताह में एेसे वाहनों पर कार्रवाई कर प्रतिपालन रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। 


न्यायालय ने पूछा, क्या हिदायत देकर वाहनों को जाने देना पर्याप्त है। इस पर संबंधित अभिभाषकों के पास कोई जवाब नहीं था। याचिकाकर्ता ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के अधिवक्ता सर्वेश शर्मा ने बताया कि कलेक्टर, एसपी और आरटीओ ने गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। मुरैना व ग्वालियर बेरियर पर कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। वहां ओवर लोड सामान को उतारने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सिर्फ फोटोग्राफी प्रस्तुत की गई। असिस्टेंट सोलिसीटर जनरल विवेक खेडकर ने कहा कि ओवर लोड वाहन राजमार्ग पर न चले, इसी लिए नए नियम लागू करते हुए इन वाहनों पर 10 गुना पेनाल्टी की गई है। 
 कमेटी गठित करने के आदेश: उच्च न्यायालय ने इसके लिए एक कमेटी गठित करने के भी आदेश दिए, जिसमें प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को शामिल करने के निर्देश दिए गए।


इसलिए पेश की है याचिका: ओवर लोड वाहनों के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों की हो रही दुर्दशा पर इस संबंध में बनाए गए नियमों का पालन नहीं होने पर यह याचिका पेश की है। इसमें कहा गया कि टोल टैक्स बैरियरों पर अवैध वसूली और गुंडागर्दी के कारण आए दिन वारदातंे होती हैं।


ये है नियम
यदि कोई ओवर लोड वाहन पकड़ा जाता है तो उस पर दस गुना वसूली के बाद जितना माल उसमें अधिक भरा गया है, उतना बैरियर पर उतरवाकर ही ट्रक को आगे जाने देने का नियम है। बाकी सामान दूसरे वाहन में ही ले जा सकते हैं, लेकिन इन बैरियरों पर इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। जुर्माना वसूल कर वाहनों को छोड़ दिया जाता है। 

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