नवाचार के तहत अब कलेक्टर, अपर कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत सरकारी छात्रावासों में दो घंटे पढ़ाएंगे।
ग्वालियर। नवाचार के तहत अब कलेक्टर, अपर कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत सरकारी छात्रावासों में दो घंटे पढ़ाएंगे। यह कार्य ऑफिस समय के पहले या बाद में किया जाएगा। एक अधिकारी सप्ताह में कम से कम दो दिन छात्रावासों को समय देंगे। सीईओ ने कलेक्टर की इस पहल पर गणित विषय पढ़ाने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
मुरैना कलेक्टर विनोद शर्मा ने नवाचार के तहत अधिकारियों को सरकारी छात्रावासों में रहकर पढऩे वाले बच्चों के मार्गदर्शन के लिए पहल करने के लिए प्रेरित किया है। सोमवार को टीएल मीटिंग के दौरान कलेक्टर ने प्रथम चरण में स्वयं यह पहल करते हुए कहा कि उनके अलावा सीईओ जिला पंचायत व एडीएम भी यह जिम्मेदारी निभाएंगे। अपनी सुविधा के अनुसार अधिकारियों को जब भी अतिरिक्त समय मिलेगा वे किसी छात्रावास में जाकर वहां रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे।
इस पहल का मकसद बच्चों को उच्च स्तर का मार्गदर्शन प्रदान करना है। प्रशासनिक अधिकारी शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को व्यावहारिक जानकारी भी प्रदान करेंगे। हालांकि अभी केवल तीन अधिकारियों ने यह जिम्मेदारी ली है, लेकिन यह प्रयोग सफल होने पर अन्य अधिकारी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। यहां बताना मुनासिब होगा कि इससे पहले भिण्ड व श्योपुर कलेक्टर भी कोचिंग में मार्गदर्शन कर चुके हैं।
कलेक्टर की इस पहल पर सबसे पहले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनुराग वर्मा ने सकारात्मक समर्थन दिया। उन्होंने छात्रावासों में जाकर गणित पढ़ाने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। कलेक्टर भी किसी छात्रावास में जाकर बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि इस पहल से छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा।