रेत और पत्थर के अवैध कारोबार के कुख्यात चंबल रेंज में खनन माफियाओं का काला कारोबार पकडऩे में आईपीएस नरेन्द्र कुमार ने अपनी जान गंवाना पड़ी।
ग्वालियर। रेत और पत्थर के अवैध कारोबार के कुख्यात चंबल रेंज में खनन माफियाओं का काला कारोबार पकडऩे में आईपीएस नरेन्द्र कुमार ने अपनी जान गंवाना पड़ी। ट्रेनी आईपीएस को मारने वाला ट्रैक्टर चालक मनोज गुर्जर सिर्फ एक्सीडेंट का दोषी माना गया।
लेकिन आईपीएस की शहादत ने साबित कर दियसा चंबल अंचल में अवैध खनन कारोबारी खूनी हो चुके हैं। बामौर एसडीओपी आईपीएस नरेन्द्र कुमार 8 मार्च 2012 की दोपहर को होली वाले दिन इलाके में गश्त पर थे। उन्होने बामौर थाने से कुछ दूरी पर मनोज गुर्जर को ट्रैक्टर में अवैध पत्थर लादकर ले जाते देखा। उसे रुकने के लिए कहा तो मनोज ने ट्रैक्टर दौड़ा दिया। कुमार ने उसका पीछा किया मनोज को पकडऩे के लिए ट्रैक्टर पर चढ़ गए।
बचने के लिए नरेन्द्र ने ट्रैक्टर पलट दिया। नरेन्द्र ट्रॉली में भरे पत्थरों के नीचे दब गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि केशव कुमार निवासी मथुरा का आरोप था खनन माफियाओं से बामौर पुलिस की मिलीभगत थी। साजिश के तहत उनके बेटे को ऑन डयूटी मारा गया है। ट्रैक्टर ट्रॉली पकडऩा थाना पुलिस का काम है। लेकिन पुलिसकर्मी अपना काम नहीं कर रहे थे तो आईपीएस बेटे को जान पर खेलना पड़ा।