हार्दिक पटेल पर कायम रहेगा ‘राजद्रोह’ का मामला, हटेंगी ‘सरकार से युद्ध छेड़ने’ की धारा
Published: Dec 01, 2015 07:39:00 pm
गुजरात हाईकोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को कुछ धाराएं हटाने के आदेश देते हुए आंशिक राहत तो दी है लेकिन ‘राजद्रोह’ की धारा को लेकर अपनी सख्ती बरकरार रखी है।
हाईकोर्ट ने जेल में बंद हार्दिक पटेल और उनके पांच अन्य सहयोगियों को आंशिक राहत देते हुए पुलिस की क्राइम ब्रांच को उनके खिलाफ एक मामले से चुनी हुई सरकार के खिलाफ युद्ध छेडने समेत आईपीसी की कुछ अन्य धाराओं को हटाने के आदेश दिए हैं। हालांकि अदालत ने उनके खिलाफ राजद्रोह की धारा के तहत आरोप कायम रखे हैं।
न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला ने इस मामले से हार्दिक और अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121 (चुनी हुई सरकार के खिलाफ युद्ध छेडने), धारा 153 ए (दो समुदायों के बीच वैमनस्य को बढावा देना) और धारा 153 बी को प्राथमिकी से हटाने के आदेश दिए हैं।
लेकिन इसके साथ ही इन सभी पर लगे राजद्रोह की धारा 124 और सरकार के खिलाफ युद्ध के षडयंत्र के लिए धारा 121 ए को हटाने के आदेश देने से इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि बीते 21 अक्टूबर को अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 24 और 25 अगस्त की राज्यव्यापी हिंसा के दौरान हार्दिक और उनके साथियों के फोन बातचीत के टेप के आधार पर मामला दर्ज किया था। इसमें हार्दिक के अलावा चिराग पटेल, दिनेश पटेल, केतन पटेल, अमूल पटेल और अल्पेश कथिरिया के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था। बाकी दोनो आरोपियों की धरपकड पर पहले ही अंतरिम रोक लगाने वाली अदालत ने आज भी इस मामले में 15 और दिन की मोहलत दे दी।
hardik-patel-1440936964.jpg” border=”0″ title=”hardik patel” alt=”hardik patel” align=”center” margin-left=”10″ margin-right=”10″>
हार्दिक के खिलाफ सूरत के अमरोली में भी राजद्रोह का एक मामला दर्ज है जो पुलिस को मारने के बारे में उनके कथित बयान को लेकर दर्ज किया गया है। इसी अदालत ने गत 27 अक्टूबर को उस मामले को भी रद्द करने से इंकार कर दिया था। हार्दिक राजकोट में गत 18 अक्टूबर को हुई अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है। उनके तीन अन्य साथियों को 21 अक्टूबर को पकडा गया था।