अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठने लगे हैं कि राजन का इतने सालों तक फैलाया नेटवर्क अब कौन संभालेगा। आखिर कौन है राजन का वो सबसे भरोसेमंद गुर्गा जो उसकी सत्ता को संभालने की कूबत रखता है। यही नहीं छोटा राजन के सबसे बड़े दुश्मन अंडरवर्ल्ड के शहंशाह बने दाऊद इब्राहिम से कौन टक्कर लेगा।
यूं तो राजन के गुर्गों की फहरिस्त लम्बी चौड़ी है लेकिन राजन के सबसे भरोसेमंद और सबसे वफादार गुर्गे की जब बात आती है तो एक ही नाम आता है विक्की मल्होत्रा का।
खबर है कि छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद अब राजन की सभी तरह की ज़िम्मेदारी विक्की मल्होत्रा ही संभालेगा। हो भी क्यों ना, छोटा राजन के साथ विक्की मल्होत्रा दो दशक से भी ज़्यादा वख्त से काम कर रहा है। विक्की को राजन का सबसे नज़दीकी माना जाता है।
ख़ास बात ये है कि साल 2000 के दौरान बैंकॉक में राजन पर हुए हमले के बाद रवि पुजारी और संतोष शेट्टी बाद भी विक्की मल्होत्रा की राजन से वफादारी नहीं डगमगाई। विक्की मल्होत्रा आखिरी बार साल 2005 में अशोका होटल के बाहर से गिरफ्तार हुआ था, लेकिन 2010 में उसे ज़मानत मिल गई और वो छूट गया।
खुफिया एजेंसियों की माने तो ज़मानत से छूटने के बाद से ही विक्की दुबई और अफ्रीका में पनाह लिए हुए हैं।
उधर, राजन की गिरफ्तारी के बाद से गैंग वार की आशंकाएं भी बढ़ने लगी हैं। संभावना जताई जा रही है कि विक्की मल्होत्रा को छोटा राजन की सत्ता की बागडोर संभालने से रोकने के लिए अंडरवर्ल्ड में दाऊद गैंग का ज़िम्मा संभालने वाले छोटा शकील उनपर धावा बोल सकते हैं। की तरफ से
विक्की के अंडरवर्ल्ड से जुड़ने तक का सफर
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक़ विक्की मल्होत्रा का मूल नाम विजय कुमार राम बदई यादव है। घर के लोग बचपन में उसे विक्की कहकर पुकारते थे, इसलिए उसका घरेलू नाम विक्की पड़ गया। लेकिन उसने अपने नाम के साथ मल्होत्रा शब्द डैनी की एक हिंदी फिल्म के इसी नाम के एक किरदार से प्रभावित होकर जोड़ डाला।
बिहार के सीवान जिले में जन्मे विक्की का बचपन और जवानी पश्चिम बंगाल में बीती। उसके पिता 24 परगना जिले में एक मिल में काम करते थे। आठवीं फेल विक्की की आदतों और हरकतों को उसके पिता शुरू से ही नापंसद करते थे, इसीलिए वह उसे अक्सर डांटते रहते थे।
इसी वजह से विक्की 90 के दशक में पश्चिम बंगाल छोड़कर मुंबई चला गया और मुंबई के अलग-अलग होटलों में बतौर वेटर काम करने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात गोरेगांव में एक लोकल गुंडे बबुआ से हुई और उसकी संगत में आकर वह अपराध की दुनिया में आ गया।
1991 में रत्नागिरी जिले के गुहागर इलाके में अविनाश शेट्टी नाम के व्यक्ति का मर्डर हुआ था। उस केस में कुछ अन्य लोगों के साथ विक्की को भी अरेस्ट किया गया और जेल भेज दिया गया। उस जेल में उसकी मुलाक़ात छोटा राजन के खास साथी रोहित वर्मा से हुई।
15 साल पहले जब छोटा शकील ने बैंकॉक के घर में छोटा राजन को निशाना बनाते हुए गोलियां चलवाई थीं, तो उस घर में रोहित वर्मा भी राजन के साथ रूका हुआ था। वह उस गोलीबारी में मारा गया था, पर छोटा राजन गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद जिंदा बच गया था। पर विक्की की रोहित वर्मा से पहली मुलाकात उस वारदात से बहुत पहले हुई थी।
रोहित वर्मा पहली मुलाकात में विक्की से इतना प्रभावित हुआ कि उसने फिर राजन के कई और साथियों से उसका परिचय करवा दिया। इन सभी साथियों के मार्फत वह सीधे राजन के संपर्क में आ गया और फिर फोन पर नियमित रूप से राजन से न सिर्फ बात करने लगा, बल्कि राजन के कहने पर अपराध पर अपराध भी करता रहा।
एक- दो मामलों को छोड़कर मुंबई पुलिस उसे कभी गिरफ्तार नहीं कर पाई। वह मुंबई छोड़कर कोलकाता रहने लगा था और उसने वहां कोर्ट में हलफनामा देकर अपने नाम के आगे यादव शब्द हटाकर ‘चौधरी’ चस्पा कर दिया था। उसी दौरान उसने कोलकाता के एक पॉश शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में रेडीमेड कपड़ों की दुकान खोली और शरद बोस रोड पर एक होटेल भी खोला।
यही नहीं, उसने एक प्राइवेट कंपनी भी स्थापित की। पर छोटा राजन की कंपनी में भी उसकी दिलचस्पी उतनी ही बनी रही।
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