script फिल्म दृश्यम से INSPIRED होकर निर्माणाधीन मकान में दफनाया शव | man body skeleton found from house, murderd by known | Patrika News

 फिल्म दृश्यम से INSPIRED होकर निर्माणाधीन मकान में दफनाया शव

locationग्वालियरPublished: Dec 01, 2016 10:51:00 am

Submitted by:

Gaurav Sen

हत्या को छिपाने के लिए मकान के कमरे में करीब 5 फीट का गड्ढा कर शव को दफन कर दिया। किसी को शक नहीं हो इसलिए हत्यारा कर्जदार मृतक के परिवार के साथ उसकी तलाश का दिखावा करता रहा। 

murder in gwalior

murder in gwalior


ग्वालियर। कर्ज और ब्याज से हमेशा के लिए निजात पाने के लिए कर्जदार ने साहूकार की हत्या कर दी। कर्जदार ने उसे शराब और शबाब की पार्टी के बहाने से बड़ागांव में निर्माणाधीन मकान पर बुलाया। मौका ताड़कर उसकी आंखों में मिर्ची झोंकी,सिर में ईंट मारकर बेहोश कर रस्सी से गला घोंट दिया।

हत्या को छिपाने के लिए मकान के कमरे में करीब 5 फीट का गड्ढा कर शव को दफन कर दिया। किसी को शक नहीं हो इसलिए हत्यारा कर्जदार मृतक के परिवार के साथ उसकी तलाश का दिखावा करता रहा। फिर भी शक के दायरे में आया तो अंडर ग्राउंड हो गया। करीब 30 दिन बाद पकड़ा गया तो पुलिस को ठिकाने पर ले जाकर खड़ा कर दिया, जहां साहूकार की हत्या कर शव दफन किया था।


बेटों के शक पर फरार 
पुलिस ने बताया विजयराम की बेटों से भी नहीं पटती थी इसलिए करीब एक साल से सीपी कॉलोनी में रेनू शर्मा के फ्लैट में रहता था। 28 अक्टूबर को रिंकू को तकादे के लिए बुलाया था। उसकी बाइक छीनकर अपने पास रख ली। उसके बाद ही रिंकू ने तय कर लिया उसे जिंदा नहीं छोड़ेगा। दौलतराम शर्मा ने बताया पिता विजयराम दशहरे पर लाइसेंसी 315 बोर की बंदूक साफ करने के लिए घर आए थे। उसके बाद दीपावली पर उन्हें आना था। पड़वा के दिन गायब हो गए। हत्यारा रिंकू भी अंजान बनकर परिवार के साथ उन्हें तलाशता रहा, जब उस पर शक ठहरा तो करीब 7 दिन पहले गायब हो गया। 


मैं नहीं मारता तो वह मुझे मार देता
हत्यारे रिंकू ने पुलिस के सामने खुलासा किया, विजयराम से उसने 1 लाख 80 हजार उधार लिए थे। करीब 5 लाख रुपया लौटा चुका है, लेकिन विजयराम के हिसाब में उसे 7 लाख रुपया और देना था। वसूली के लिए उसे प्रताडि़त कर रहा था। इसलिए उसे मारना पड़ा। 31 अक्टूबर की शाम साजिश के तहत विजयराम को फोन कर पार्टी का न्योता दिया। बारादरी से उसे बाइक पर बिठाकर बड़ागांव ले गया। घर की लाइट के तार पहले निकाल आया था। इसलिए घर में अंधेरा था। ठिकाने पर पहुंचकर विजयराम से लाइट के तार जुड़वाने में मदद के लिए कहा। विजयराम बातों में आ गया। वह जानता था विजयराम पहलवान रहा है। एक बार बच गया तो उसे जिंदा नहीं छोड़ेगा। विजयराम तार जोडऩे के लिए झुका तो उसकी आंखों में मिर्ची झोंकी फिर ईंट उठाकर सिर में ताबड़तोड़ वार किए।

“हत्यारा रिंकू” 


रिंकु ने धंधे के लिए 1 लाख 80 हजार रुपए लिए थे उधार
मुरार टीआई सुधीर सिंह कुशवाह ने बताया सीपी कॉलोनी निवासी विजयराम (60) पुत्र लज्जाराम शर्मा साहूकारी और जमीन का धंधा करता था। सुरेश नगर सरकारी मल्टी में रहने वाले बैट्री कारोबारी रिंकू जाटव ने उससे धंधे के लिए करीब 1 लाख 80 हजार रुपए उधार लिए थे, लेकिन रिंकू कर्ज नहीं पटा सका। विजय के हिसाब में ब्याज सहित कर्जा 7 लाख हो चुका था।

विजयराम पुराना पहलवान था, दबाव बनाने के लिए रिंकू को कई बार अपने फ्लैट पर बुलाकर पीट चुका था। कर्ज और विजय से पीछा छुड़ाने के लिए रिंकू ने उसकी हत्या का खाका खींचा। एक ऐसे मकान को तलाशा, जिसका फर्श कच्चा हो। बड़ागांव में मास्टर राजेंद्र जाटव निवासी डबरा का मकान बन रहा है। रिंकू ने 27 अक्टूबर को इस मकान को 5 हजार रुपए महीना किराए पर लिया। दूसरे दिन दो मजदूर को 1100 रुपए देकर कमरे के कच्चे फर्श में करीब 5 फीट का गड्ढा खुदवाया। दो दिन बाद विजयराम से उसका कर्ज पटाने के लिए कुछ और मोहलत चाहता है। इसके एवज में उसके लिए नए घर में अय्याशी का इंतजाम किया है। विजयराम उसकी बातों में आकर बड़ागांव पहुंच गया। रिंकू जानता था सीधे मुकाबले में विजय भारी पड़ेगा। इसलिए बातों में उलझा कर उसकी आंखों में मिर्ची झोंक दी। उसके बाद बचने का मौका नहीं दिया। ईंट उठाकर उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। विजयराम बेहोश हो गया तो उसे घसीटकर मजदूरों से खुदवाए गड्ढे में पटका। उसे मिट्टी से पाटकर पानी से तराई की। प्लान को फुलप्रूफ अंजाम देने के बाद 5 हजार रुपए किराया देने में असमर्थता जाहिर कर राजेन्द्र को मकान की चाबी लौटा दी। 

हत्या में महिला भी हो सकती है शामिल 
हत्यारे रिंकू की महिला मित्र रेशमा भी लापता है। विजयराम को भी रिंकू सूने मकान पर महिला का लालच देकर लाया था। आंशका है हत्या के वक्त रेशमा भी मौके पर मौजूद रही है। हालांकि रिंकू अकेले ही विजय की हत्या करने की हामी भर रहा है। रिंकू को दबोचा तो वह बड़ागांव में उस मकान पर ले गया, जहां करीब 30 दिन पहले विजयराम का शव दफन था। पुलिस ने गड्ढा खुदवाया तो विजयराम के गले में रस्सी बंधा शव मिला।

तफ्तीश… निर्माणाधीन मकान में खुदाई कर शव को निकलवाती पुलिस।

30 दिन बाद सूने मकान में दफन मिला शव
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