खुलासा! डीजल गाड़ी फैलाती है पांच-सात पेट्रोल कारों के बराबर प्रदूषण
Published: Dec 12, 2015 05:58:00 pm
सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एनवायरोन्मेंट (सीएसई) की प्रदूषण विभाग की प्रमुख अनुमिता रॉय चौधरी का सनसनीखेज बयान
सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एनवायरोन्मेंट (सीएसई) की प्रदूषण विभाग की प्रमुख अनुमिता रॉय चौधरी ने चौंकाने वाली जानकारी का खुलासा करते हुए कहा है कि,अगर आप डीजल गाड़ी यूजर हैं तो आप पर्यावरण में पाँच से सात पेट्रोल गाडिय़ों की बराबर प्रदुषण हर रोज फैला रहे हैं।
अनुमिता के अनुसार, दिल्ली में डीज़ल गाड़ियों के लिए भारत स्टेज 4 के जो मानक बने हैं, उसके मुताबिक उन्हें क़ानूनी तौर पर पेट्रोल गाड़ियों के मुक़ाबले तीन गुना ज़्यादा नाइट्रोजन ऑक्साइड और पांच से सात गुना ज़्यादा पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) उत्सर्जित करने की छूट मिली हुई है.
उनके मानना है कि सरकार की जो नीति है उसमें डीज़ल पर कम टैक्स लगाते हैं, इसी वजह से दिल्ली और बाक़ी देश में डीज़ल गाड़ियों की संख्या बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है
उनके मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने डीज़ल गाड़ी से निकलने वाली गैसों को कैंसर पैदा करने वाले हानिकारक तत्वों की प्रथम श्रेणी के कार्सिनोजेन का दर्जा दिया है।
इसका मतलब ये हुआ कि डीज़ल से पैदा होने वाली गैसें और सिगरेट का धुआं एक ही दर्जे में है और इनसे फेफड़े का कैंसर होता है
डीजल गाडिय़ों से बढ़ते प्रदूषण का ही नतीजा है कि,नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने सरकारी विभागों से कहा है कि वे डीज़ल की गाड़ियां न ख़रीदें.इसके अलावा एनजीटी के निर्देश में कहा है कि दिल्ली में डीज़ल से चलने वाली किसी नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन न किया जाए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अऩुसार दुनिया के 20 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 13 शहर भारत के हैं.