केंन्द्रीय मंत्री के आदर्श गांव में भी न केवल कुपोषित बच्चे मौजूद हैं, बल्कि एक परिवार की साढ़े पांच साल की बेटी कुपोषित होकर मर गई व उसका भाई भी कुपोषण की गिरफ्त में है।
ग्वालियर। शिवपुरी जिले में कुपोषण की स्थिति इतनी गंभीर है कि उससे सांसद का आदर्श गांव भी अछूता नहीं रहा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री एवं ग्वालियर सांसद नरेंद्र सिंह तोमर ने शिवपुरी के सिरसौद गांव को गोद लिया है।
इस आदर्श गांव में भी न केवल कुपोषित बच्चे मौजूद हैं, बल्कि एक परिवार की साढ़े पांच साल की बेटी कुपोषित होकर मर गई तथा उसका भाई भी कुपोषण की गिरफ्त में है। गांव में दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें ये कुपोषित बच्चे दर्ज हैं।
सांसद के आदर्श ग्राम सिरसौद में दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिसमें एक केंद्र में दर्ज गौरव (4) पुत्र पर्वत सिंह लोधी, कुपोषित होने के साथ ही ठीक से चल-फिर नहीं पाता।
गौरव की मां कमलेश ने बताया कि हमारी साढ़े पांच साल की बेटी गरिमा भी कुपोषित थी और उसकी 19 जनवरी को बीमारी के चलते मौत हो गई। कमलेश ने बताया कि हम अपने बेटे गौरव का दो साल से इलाज करवा रहे हैं। उसका हम ग्वालियर में इलाज कराने के बाद शिवपुरी एनआरसी में भी भर्ती करवाकर उपचार करवा चुके हैं, लेकिन बेटे के शरीर में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हो पा रहा। गौरव का पिता ड्राइवरी करता है और अपने बेटे के लिए माता-पिता बेहद चिंतित हैं, क्योंकि वे अपनी बेटी को कुपोषण के चलते गंवा चुके हैं। इसके अलावा इस आंगनबाड़ी केंद्र में लगभग आधा दर्जन बच्चे कुपोषित हैं।
इसी गांव के दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र में अभी भी चार बच्चे कुपोषित हैं। जिनमें अनामिका, दामिनी, सुनीता व पुष्पेंद्र शामिल हैं। दामिनी को पिछले डेढ़ माह से उसके माता-पिता मजदूरी करने के लिए दूसरे गांव में साथ ले गए हैं। कार्यकर्ता प्रमोद शिवहरे का कहना है कि हमारे केंद्र में पहले 125 बच्चे दर्ज थे, जिनमें 50 आदिवासी वर्ग के थे। कार्यकर्ता का कहना हैकि हमने अधिकांश बच्चों को तो कुपोषण से बाहर निकाल लिया तथा जो चार बच्चे शेष रह गए हैं, उनके लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कई बार उनके माता-पिता एनआरसी में ले जाने के लिए तैयार नहीं होते।
‘आदर्श गांव सिरसौद में भी कुपोषित बच्चों के बारे में पता करवाएंगे, जो भी बच्चे वहां कुपोषित मिलेंगे, उन्हें एनआरसी लाकर उनका उपचार करवाएंगे।’
– विष्णुकांत खरे, सीएमएचओ शिवपुरी