चंबल एक्सप्रेस से दतिया से कोलकाता जा रहे यात्रियों के जत्थे उस वक्त झटका लगा जब स्लीपर कोच म कन्फर्म टिकट होने के बाद भी रेलवे ने उन्हें जनरल कोच में बिठा दिया। इससे नाराज यात्रियों ने दतिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक दी
passenger stop train
ग्वालियर/दतिया। चंबल एक्सप्रेस से दतिया से कोलकाता जा रहे यात्रियों के जत्थे उस वक्त झटका लगा जब स्लीपर कोच म कन्फर्म टिकट होने के बाद भी रेलवे ने उन्हें जनरल कोच में बिठा दिया। इससे नाराज यात्रियों ने दतिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक दी और ट्रैक पर रेलवे के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। पहले तो रेलवे का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, बाद में रेलवे के अधिकारियों ने यात्रियों को रिर्जव्ड बोगी में सीट देकर रवाना किया। इस पूरे हंगामे के कारण ट्रेन दो घंटे की देरी से रवाना हुई।
रेलवे इन दिनों कोचों की कमी से जूझ रही है। इसी का एक नजारा आज सुबह दतिया रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला। वाकया कुछ यूं हुआ कि दतिया के राधामोहन सत्संग मंडल का एक जत्था गंगासागर पश्चिम बंगाल जा रहा था। जत्थे के 56 लोगों का रिजर्वेशन चंबल एक्सप्रेस के कोच एस-3 में था।
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आज सुबह जब यात्रियों का जत्था रेलवे स्टेशन पहुंचा तो वहां देखा कि कोच एस-3 तो लगा ही नहीं है। चंबल एक्सपे्रस में कोच एस-2 के बाद एस-3 लगा हुआ था। ये देख यात्री नाराज हो गए और रेलवे से कोच की मांग की। जब रेलवे का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा तो यात्रियों ने चंबल एक्सप्रेस के आगे बैठकर ट्रेन रोक दी। करीब दो घंटे बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे और कोच एस-7 को एस-3 बनाया गया। इस पूरे हंगामे के कारण चंबल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से करीब 2.15 घंटे देरी से रवाना हुई।
इससे पहले रेलवे ने एसी-2 के टिकट पर यात्रियों को कराया एसी-3 में सफर
पिछले दिनों ग्वालियर से इंदौर जाने वाले यात्रियों के लिए यह घोषणा की गई कि वातानुकूलित (एसी-2) में जिन यात्रियों का आरक्षण है, उन्हें एसी -3 में समायोजित करना पड़ रहा है। रेलवे प्रबंधन के मुताबिक कोचों की कमी के चलते इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को इंदौर इंटरसिटी के प्रस्थान के वक्त यह घोषणा की गई। इससे यात्रियों में भारी आक्रोश था। इसके पीछे दो बजह हैं एक तो एसी-2 का किराया ,एसी-3 से ज्यादा होता है। दूसरा जब उन्हें कोच बदलने को कहा जाता है तो यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।