ट्रेनों की पेंट्रीकार में मिलने वाला भोजन शुद्ध नहीं है। इस बात का खुलासा संसद में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट में भी हुआ है।
ग्वालियर। ट्रेनों की पेंट्रीकार में मिलने वाला भोजन शुद्ध नहीं है। इस बात का खुलासा संसद में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट में भी हुआ है। ट्रेनों में यात्रियों को शुद्ध खाना नहीं मिल रहा है। यात्री रेलवे के अनुसार पैसा तो पूरा दे रहा है, लेकिन भोजन की क्वालिटी पूर्ण नहीं है। इसकी हकीकत जानने के लिए शनिवार को पत्रिका ने ग्वालियर स्टेशन से निकलने वाली कुछ ट्रेनों की पेंट्रीकार में जाकर बनने वाले भोजन को देखा।
ट्रेनों में मिलने वाली पानी की बोतल पैकेट में बंद बाथरूम के गेट के पास रखी हुई थीं। इन्हीं बोतलों को वेंडर 15 की 20रुपए में दे रहे थे।
खुले में पड़ा आलू जिस पर बैठ रही थीं मक्खियां।
जिसमें निजामुद्दीन से विशाखापट्टम जाने वाली समता एक्सप्रेस दोपहर 1.40 मिनट पर प्लेटफॉर्म एक पर आई। इसकी पेंट्रीकार में गंदगी में सब्जियां रखी हुई थीं। आलू भी कटे हुए रखे थे। जिस पर मक्खियां जमी हुई थीं। ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को यही खाना परोसा जाने से हैरानी होने पर पेंट्रीकार के इंचार्ज से बात की तो उन्होंने कहा कि पेंट्रीकार में गंदगी तो रहती है। लंबे रूट की ट्रेन होने से कुछ परेशानी भी आती है।
&ट्रेनों में यात्रियों को अच्छी सुविधा मिले। इसके लिए रेलवे निरंतर प्रयास कर रहा है। लंबे रूट की ट्रेनों में अक्सर पेंट्रीकार की चेकिंग की जाती है। समय- समय पर गंदगी और कमी पाई जाने पर रेलवे के अधिकारी जुर्माना भी वसूलते हैं। यात्रियों को शुद्ध और अच्छा भोजन मिल सके। इसके लिए एक बार फिर से अधिकारी ट्रेनों में चेकिंग कराएंगे।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल
छत्तीसगढ़ और मंगला में भी यही स्थिति
ग्वालियर से निकलने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस और मंगला एक्सप्रेस में भी जब हमने पेंट्रीकार को देखा तो यही स्थिति सामने आई। इन ट्रेनों में कई बार ग्वालियर स्टेशन पर रेलवे के अधिकारी छापामार कार्रवाई करते रहे हैं। इसके बावजूद भी ट्रेनों में हालात नहीं सुधरे हैं।