हमीरपुर सदर अस्पताल में एक तीमारदार अपनी बीमार पत्नी को गोद में लिए घंटों इधर-उधर अस्पताल में घूमता रहा। उसे न तो स्ट्रेचर मिला और न ही धरती के भगवान (डॉक्टर) की कृपा…
Hamirpur Sadar Hospital
हमीरपुर. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं और अधिकांश डॉक्टर संवेदनहीन। सूबे में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, स्वास्थ्य सेवाओं में ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला है। अस्पतालों में आज भी मरीजों को धक्के ही खाने पड़ रहे हैं। अगर इसे और बेहतर समझना है तो हमीरपुर के जिला अस्पताल आ जाइए। यहां मरीजों का कोई भी पुरसा हाल नहीं है।
हमीरपुर जिला अस्पताल में एक तीमारदार अपनी बीमार पत्नी को गोद में लिए घंटों इधर-उधर अस्पताल में घूमता रहा। उसे न तो स्ट्रेचर मिला और न ही धरती के भगवान (डॉक्टर) की कृपा। पत्नी दर्द से तड़प रही थी और पति आखों में आंसू लिए कर्मचारियों से मिन्नतें करता रहा, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की।
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इमरजेंसी फुल, डॉक्टर नदारद
थक हार कर गरीब पति ने अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल के फर्श पर लिटा दिया। सुबह के 11 बज रहे थे, लेकिन इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक की कुर्सी खाली पड़ी थी। जबकि योगी सरकार ने डॉक्टरों को समय से पहुंचने का निर्देश दे रखा है। इस संबंध में अधिकारियों से संपर्क किया गया तो वे कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। हालांकि, मीडिया की दखल के बाद इमरजेंसी में डॉक्टर भी आए और फर्श पर तड़प रही महिला को भर्ती भी कराया।
कब सुधरेगा ये अस्पताल
सदर अस्पताल हमीरपुर का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, लेकिन कभी इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसके चलते इनकी कार्यशैली पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।